जेल से मुक्त हुई पार्वती जाटव: चर्चा में रहेगी कांग्रेसियो की जेल वाली सैल्फी

शिवपुरी। भाजपा सरकार में बिजली कंपनी के अंधे कानून के चलते एक वृद्धा के जेल जाने के मामले में कांग्रेस ने जेल के सामने सैल्फी लेने के बाद मदद से भरा प्रेस नोट जारी भी किया था। लेकिन वह वृद्धा की मदद नही सके लेकिन सरकार के हस्तक्षेप के बाद वृद्धा की जमानत करा देने की खबर भी आ रही है, इस मामले खास बात यह है कि बिजली कंपनी ने अपना बकाया स्वयं भरा है। 

जैसा कि विदित है कि रिजौदा गांव की दलित किसान महिला उम्र 75 वर्ष को बिजली कंपनी के अधिकाारियों ने बिजली चोरी का केस बनाकर 3 दिन पूर्व जेल यात्रा पर भिजवा दिया। वृद्धा पर 57 हजार का बिजली का बिल और अवैधानिक रूप से बिजली लेने का आरोप था।

वृद्धा के परिवार के नाम पर सिर्फ पोता राजेश जाटव है उसने बताया कि हमारा बिल सिर्फ 5300 रू था हम तो पड़ोसी के बोर से पानी लेते है। बिजली बालो ने पेनल्टी लगाकर यह बिल 57 हजार का कर दिया था। 

हमारे पास खाने के लाले है हम इतने पैसे कहा से जमा करा सकते थे। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने 75 वर्षीय किसान पार्वती जाटव पर केस बनाकर न्यायालय में पेश किया। जहां न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उक्त महिला को 6 माह का कारावास और बिजली का बिल चुकता कर जमानत देने का आदेश दिया था। 

शिव के राज में बिजली कंपनी के अधिकारियों की इस कार्यप्रणाली की मिडिया ने फुल कवरेज दिया कि कैसे शिव के राज में आधिकारियों ने दलित किसान महिला को जेल यात्रा पर भेज दिया। इस मामले में कांग्रेस भी राजनीति करने से नही चूके उन्होने जेल के सामने एक शानदार फोटो सेशन कराया और प्रेस नोट जारी करा दिया कि हम चुकता करेगें जेल गई महिला का बिल और जेल से भी बहार लाऐंगें। लेकिन कांग्रेसी प्रेस नोट जारी कर भूल गए। 

कल इस मामले में नया मोड आया। बताया जा रहा है कि कले1टर शिवपुरी के पास भोपाल से फोन आया कि महिला पार्वती जाटव की जमानत कराए। इसके बाद बिजली कंपनी के अधिकारीयो ने अपने बकाया को स्वयं ने निबटाया और न्यायालय से ६ बजे जमानत कराई। 

अब दलित महिला पार्वती जाटव के चेहरे पर सुकून केे भाव है। वही बिजली कंपनी इस मामले में कह रहे है कि बिल हमने नही भरा है। वही महिला का कहना है कि मुझे नही जानकारी है कि मेरा बिल किसने भरा है। जमा रशीद पार्वती जाटव के नाम से काटी गई है।

इस मामले में बिल किसी ने भरा हो परन्तु शिवपुरी की मीडिया की जीत अवश्य हुई है जिसने इस मामले को पूरी संवेदनशीलता के साथ उठाया था। यह मामला शिवपुरी के पत्रकार नही उठाते तो पता नही कितने दिन और इस वृद्व महिला को जेल में रहना पड़ता।