
हाईवे किनारे फड़ो के संचालन होने के कारण लोगो को चलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। और इस कारण यहां लंबे समय से जाम जैसे हालात निर्मित हो रहे है। उचित समय पर कार्यवाही न होने पर कब्जे धारियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे है। जिले के पूर्व कलैक्टर के द्वारा अवैध उत्खनन को लेकर जिला कलैक्टर द्वारा क्रांतिकारी पहल करते हुए कार्यवाही करने की पहल की गई थी किन्तु कुछ ही समय बाद प्रशासनिक उदासीनता के चलते उक्त पहल असफल साबित हुई।
विगत एक माह पूर्व कोलारस में जिसके चलते राजस्व विभाग एवं पुलिस अमले द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये अवैध रूप से बिक रही बजरी एवं मऊअर को जब्ती में लेकर नगर पंचायत के सुपुर्द कर दिया गया था।
किन्तु थोड़े समय ही बाद एक बार फिर सड़क़ किनारे फड़ो की दुकाने चालू हो गई है। पिछले वर्श भी कोलारस में प्रशासन द्वारा पूर्व में जव्त की गई बजरी भी खुर्दबुर्द हो गई है।
फड़ो का यह काला कारोवार मुरैना की तर्ज पर प्रसाशन की पहुंच से बाहर होता दिखाई दे रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध उत्खनन पर रोक के असत्य कागजी आंकड़े वरिष्ट अधिकारियों तक प्रेषित किये जा रहेें है।
वही प्रशासनिक कार्यवाही के नाम पर फड़ संचालक मनमानी कीमत पर इस विल्डिंग मटेरियल का विक्रय कर रहे है। कोलारस के बीचो बीच से निकले नेशनल हाईवे नंबर तीन के किनारे भी करीब आधा दर्जन फड़ संचालको ने हाईवे किनारे फड़ो के नाम से कब्जा जमा रखा है। और इस हाईवे से क्ष़्ोत्र के मंत्री से लेकर अधिकारीयो का रोज आना जाना लगा रहता है। लेकिन हाईवे किनारे जमे इन फड़ो की और किसी का ध्यान अभी नही दिया गया है।