बडी खबर: शहर के चर्चित माधव आश्रम के यौन शोषण काण्डं के चौथे आरोपी ने की आत्महत्या

शिवपुरी। अभी-अभी खबर है कि शिवपुरी के चर्चित यौन शोषण काण्ड के चौथे आरोपी ने कल रात गुना में रेल के आगे कूंदकर आत्महत्या कर ली है। इस प्राणलेवा कदम उठाने से पूर्व उसने अपने परिजनों को मैसेंस और व्हाटसअप पर लिखा कि मैं बेकसूर हुॅ और मुझे इस मामले के मु य आरोपियो ने फसाया है। मेरे इस शोषण काण्ड में कोई हाथ नही है। इस काण्ड के मु य आरोपी पिता केएन अग्रवाल पुत्री शैला अग्रवाल और उसका भाई राजू इस समय जेल में है। 

शिवपुरी के अनाथ आश्रम यौन शोषण मामले में विवेचना के उपरांत पीडि़ताओं के बयान के आधार पर पांचवे आरोपी के रूप में नामजद किये गये आश्रम के पूर्व कर्मचारी दिनेश मांझी यह अच्छी तरह जानता था कि अनाथ आश्रम में सबकुछ ठीक नहीं है। अनाथ आश्रम यौन शोषण मामले के पर्दाफाश होने पर दिनेश मांझी ने राहत की सांस ली थी और उसे लगा था कि अब वहां रहने वाले बालक-बालिकाओं को कैदखाने से मुक्ति मिलेगी। 

यह जिक्र वह आमतौर पर अपने मिलने-जुलने वालों से करता रहता था, लेकिन अचानक उसका नाम इस मामले में आने के बाद से वह खासा परेशानी में था और उसे यह समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। इसी उधेड़बुन के बीच शुक्रवार दोपहर उसने गुना के केंट थाना क्षेत्र अंतर्गत रेलवे ट्रेक पर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। 

,आत्महत्या से पूर्व उसने अपने परिजनों एवं मित्रों को वाट्सएप के जरिए भेजे सुसाइड नोट में कहा है कि वह पूरी तरह निर्दोष है और उस पर अनाथ आश्रम संचालिका शैला अग्रवाल एवं उसके पिता केएन अग्रवाल ने साजिशन मामला दर्ज कराया है। सुसाइड नोट में उसने स्वयं को गरीब बताते हुए लिखा है कि केस में नाम आने के बाद उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह किस तरह वकील का खर्चा उठा पाएगा और पुलिस वालों की जेबें भरने लायक रुपये न तो मेरे पास हैं और मेरे पापा के पास। ऐसे में उसके पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई चारा नहीं है।

माता-पिता, पत्नी और बच्चों से मांगी माफी
मृतक दिनेश द्वारा वाट्सएप पर लिखे सुसाइड नोट में न सिर्फ उसने स्वयं को निर्दोष बताया, बल्कि यह भी कहा है कि वह झूठे आरोपों से परेशान होकर आत्महत्या करने के लिए विवश है। यह लिखते हुए उसने अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों के साथ-साथ भैया से यह कहते हुए माफी भी मांगी है कि उसे माफ करना। 

संचालिका पर लगाए आरोप
सुसाइड नोट में दिनेश ने अनाथ आश्रम संचालिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने नौकरी इस वजह से छोड़ी थी कि संचालिका शैला अग्रवाल द्वारा उसे चैक तो 14 हजार रुपये का दिया जाता था, लेकिन 8 हजार रुपये वापस ले लिये जाते थे। 

निक्की आत्महत्या मामले से हुआ था व्यथित
सुसाइड नोट में दिनेश ने आश्रम में आत्महत्या करने वाली निर्मिला उर्फ निक्की का जिक्र करते हुए लिखा है कि उसे कभी यह तो समझ नहीं आया कि उसने आत्महत्या क्यों की, लेकिन घटना से मैं इतना व्यथित था कि मैंने कुछ बाद नौकरी छोड़ दी थी। 

अपराधी बनने के बाद कैरियर को लेकर था चिंचित
सुसाइड नोट में दिनेश मांझी सबसे ज्यादा इस बात से व्यथित था कि उसका पूरा कैरियर इस अपराधी शब्द के कारण बर्बाद हो जाएगा। मेरे परिवार वाले अलग यातना कर दर्द भोगेंगे। इतनी छोटी सी जिंदगी में बहुत से गरीब बेगुनाहों को कानून के अंधेपन का शिकार होते देखा है और इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं।