शिवपुरी फिर शर्मसार: एमपी स्टेट सिविल कॉर्पोरेशन का घूसखोर प्रबंधक जेपी गुप्ता गिरफ्तार

शिवपुरी। अभी-अभी खबर आ रही है कि जिले के एमपी स्टेट सिबिल कॉर्पोरेशन के प्रबंधक जेपी गुप्ता एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक के हाथों रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि रिश्वतखोर जेपी गुप्ता ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक से बिल पास करने के ऐवज में 96 हजार की मांग कर रहा था। 

जानकारी के अनुसार फरियादी गोविंद ट्रासपोर्ट कंपनी का एमपी कॉर्पोरेशन में गेहू के ट्रांसपोर्ट करने का टेंडर पास हुआ था। इस कंपनी के मालिक का कहना था कि हमारी कंपनी ने मनोज कुमार प्रजापति निवासी दतिया ने गोबिंद ट्रांसपोर्ट कंपनी  जिले के करैरा, पिछोर, नरबर, खनियांधाना के गेहूं के परिवहन का काम लिया था।

कंपनी के इस काम का बिल 24 लाख रूपये बना। जब फरियादी ने बिल पास करने के लिए एमपी सिविल कॉर्पोरेशन के प्रंबधक जेपी गुप्ता से बिल पास करने की कहा तो उन्होंने उक्त बिल को पास करने के एवज में 4 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में मांगी। 

जिसपर नोटबंदी के चलते मनोज ने एक साथ रूपये उपलब्ध नहीं होने की बात कही। जिसपर दोनों के बीच 20-20 हजार रूपए की किस्त करके रिश्वत देने की बात हुई। उसके बाद फरियादी ने 26 दिसंबर को 20 हजार रूपये की रिश्वत विष्णु मंदिर के पीछे दे दिए। उसके बाद उक्त फरियादी ने इस रिश्वत की शिकायत लोकायुक्त एसपी ग्वालियर को की। जिस पर लोकायुक्त की टीम ने उक्त फरियादी को टेप रिकॉर्डर देकर पुन:रिश्वत देने के लिए भेजा।

जिसपर फरियादी जिला प्रंबधक जेपी गुप्ता के पास पहुॅचा और रिश्वत के 20 हजार रूपए दो-दो हजार के नोट प्रबंधक को दिए। जिसपर जेपी गुप्ता ने उक्त रूपए पास ही कार्टून में रखने की कहा। रूपए रखने के बाद मनोज ने सिर पर हाथ फेर कर लोकायुक्त की टीम को इशारा कर दिया। जिसपर लोकायुक्त की टीम ने कार्यवाही करते हुए उक्त प्रबंधक को दबौच लिया। 

इस पूरे घटनाक्रम में जेपी गुप्ता अपने आप को पाक साफ बताते नजर आए पर टेप रिकॉर्डर में रिकॉडिंग होने से कुछ भी नहीं कह पाए। लोकयुक्त की टीम ने जिला प्रबंधक को गिर तार कर जमानत पर रिहा कर दिया है। 

इस कार्यवाही को अंजाम देने ग्वालियर लोकायुक्त की टीम मे निरीक्षक पीके चतुर्वेदी,निरीक्षक कविन्द्र सिंह चौहान,आरक्षक धीरज नायक,हेंमत शर्मा,अंकेश शर्मा,वलबीर सिंह, विश्वभर सिंह,सुनील छीर सागर टाइपराईटर की भूमिका रही। इस रिश्वत कांड से शिवपुरी फिर शर्मसार हो गई। इससे पूर्व शिवपुरी के तत्कालिन एडीएम जेडयू शेख और एडीएम प्रभारी किनल त्रिपाठी भी रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार की जा चुकी है।