4 साल बाद सलाखों से बहार आए शिवपुरी के पितामह, थेंक्यू कलेक्टर

शिवपुरी। शिवपुरी में दमदार पत्रकारता का नया ऐड्रेस बनता शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की खबर मै शिवपुरी हू्ॅ,बिना पितामह के कैसे शोयमान होगा शरदउत्सव शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर प्रकाशन के बाद, इस शहर को जंगल से शहर बनाने वाले कैं.माधौ महाराज की प्रतिमा पूरे 45 माह के बाद सलाखो से बहार आए। 

इस खबर में प्रकाशित किया था, कि जिस शहर को आजादी से 50 साल पूर्व एक इंजीनियर द्वारा डिजायन कर बसाया था,इस शहर में उस समय,लाइटे,सडक,और पानी से भरपूरे 1 दर्जन तालाब,रेल उस समय दी थी जब सारा देश बैलगाडिय़ो से चला करता था। इस शहर को बसाने वाले पितामह गर्मियो में अपना समर कै प यहां लगाते थे। 

उन्है यह जगह इतनी पंसद आ गई थी कि उन्होने इस जंगल को शहर बनाने का निर्णय लिया। कै.माधौ महाराज ही इस शहर के प्रथम पर्यटक थे और वे ही इस नगरी को पर्यटन नगर के रूप में पहचान दिलाने चाहते थे। शिवपुरी को बसाने वाले और इस शहर को पर्यटक नगरी के रूप में देखने वाले थे माधौ महाराज।  सूने माधव चौक के साथ पर्यटक विकास निगम पर्यटको को बढाने के उद्देश्य से शरद उत्सव का आयोजन शोभायमान नही हो सकता। 

शिवपुरी के पितामह की प्रतिमा शहर को शर्मसार करने वाले उत्सव हत्याकांड के समय कुछ शरारती तत्वो ने उ ााड दिया था। जब से वह प्रतिमा लगभग 45 माह से जिले के सतनवाडे थाने के मालखाने में कैद थी। इस पर समय समय पर राजनीति होती रही है। लेकिन  न ही शहर वासियो और जनप्रतिनिधियो ने इस प्रतिमा को बहार स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाए। नपा ने कुछ दिन पूर्व हुई परिषद में यह प्रस्ताव पारित लिया था। 

24 दिसंबर की दोपहर को शिवपुरी समाचार डॉट कॉम को मैं शिवुपरी हुॅ, बिना पितामह के कैसे शोभायमान होगा यह शरद उत्सव का प्रकाशन किया गया था। इस खबर के प्रकाशन के बाद शाम को कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव, एसपी सुनील कुमार पांडे, डीटीपीसी (डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म प्रोजेक्ट कार्पोरेशन) के अफसरों के साथ माधौ चौक पहुंचे। उन्होंने जायजा लिया और माधौ महाराज की मूर्ति को दोबारा स्थापित करने