पीएसीएल से पैसा वापिस लेने निवेशक उतरे सड़कों पर

शिवपुरी। कहने को तो देशभर में पीएसीएल का कारोबार पूर्णत: बंद हो चुका है और इस मामले में कोई भी एजेंट या कंपनी के कर्ताधर्ता किसी भी तरह की कोई बैठक भी आहूत नहीं कर सकता। ये सबकुछ सर्वोच्च न्यायालय से आये निर्णय के बाद हुआ है, लेकिन इसके विपरीत शिवपुरी में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को धता बताकर पल्स कंपनी के एजेंटों द्वारा बेखौफ अंदाज में बैठकों एवं निवेशकों से राशि एकत्रित किये जाने के कारनामे को अंजाम दिया जा रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के खिलाफ शिवपुरी में चल रही पल्स की गतिविधियों के विरोध में आज तमाम निवेशकों ने एकत्रित होकर कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। एसडीएम ने भी निवेशकों से आवेदन लेने के  बाद मामले में कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

जानकारी के अनुसार पीएसीएल के तमाम निवेशकों द्वारा आज जिला मु यालय पर एकत्रित होकर कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के नाम एसडीएम श्री प्रजापति को एक लिखित ज्ञापन सौंपा गया है। 

ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि रामसिंह यादव पुत्र नवल सिंह यादव निवासी खेड़ापति कॉलोनी शिवपुरी, रामकुमार शर्मा पुत्र लक्ष्मण शर्मा निवासी तुलसीनगर शिवपुरी एवं विनोद पुरी गोस्वामी निवासी विजयपुरी कॉलोनी शिवपुरी द्वारा पल्स कंपनी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्राहकों का पैसा लौटाने की जो प्रक्रिया निर्धारित की गई है उसके अनुसार सेबी को पल्स की सभी जमीनों को बेचने के लिए अधिकृत किया गया है जिससे कि इस प्रक्रिया से प्राप्त धन से निवेशकों को उनका निवेश वापस किया जा सके, लेकिन उक्त तीनों लोगों ने इन जमीनों पर कब्जा करके इन्हें कथिततौर पर ठेके पर दे रखा है और इनसे कथित अवैध आय भी प्राप्त की जा रही है। 

यदि कोई इच्छुक व्यक्ति उक्त जमीन खरीदने के लिए वहां जाता है तो उक्त तीनों लोगों द्वारा इन्हें कथित तौर पर डरा धमकाकर भगा दिया जाता है जिससे निवेशकों का पैसा लौटाये जाने की प्रक्रिया में देरी हो रही है एवं पल्स की जिस जमीन पर फसल हो रही है। उस फसल होने वाली आय का भी वर्तमान में कोई लेखाजोखा किसी के पास भी नहीं है। 

ज्ञापन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार कोई भी व्यक्ति पल्स के संबंध में किसी भी स्थान पर बैठक नहीं कर सकता और यदि करता है तो इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना समझा जाएगा जाएगा जबकि शिवपुरी में पिछले दिनों सिद्धेश्वर धर्मशाला पर स्थित बजरंग दल के कार्यालय में पल्स के एजेंटों एवं निवेशकों की बैठक भी बुलाई गई थी और बैठक में उपस्थित निवेशकों एवं एजेंटों से कथिततौर पर 210 रुपये की वसूली की मांग भी की जा रही थी। 

तमाम निवेशकों ने ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव से आग्रह किया है कि शिवपुरी जिले में मौजूद पल्स की जमीनों पर से अवैध कब्जाधारियों को हटाया जाये एवं इन जमीनों को न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत बिकवाकर जल्द से जल्द निवेशकों का पैसा उन्हें वापस कराया जाये एवं जिन उक्त तीन व्यक्तियों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को धता बताकर पल्स के संबंध में बैठक एवं उसकी जमीन पर फसल करवाई जा रही है, के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जाये। 

आज सौंपे गए ज्ञापन में प्रमुख रूप से रानू रघुवंशी सामाजिक कार्यकर्ता एवं निवेशक, बालकिशन शिवहरे पप्पू शिवसेना जिला प्रमुख, वीरेन्द्र शर्मा, बीपी परमार, शशांक चौहान, दीपेज फडनेस, टिंकल जोशी, प्रशांत, नरोत्तम वर्मा, शिवप्रताप चौहान, शिवम दुबे, अभिषेक व्यास, भुवनेश शर्मा आदि शामिल थे।

पल्स की जमीन नहीं हुई मुक्त तो होगा आंदोलन: शिवसेना
आज तमाम निवेशकों और शिवसेना द्वारा प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन के बाद शिवसेना जिला प्रमुख पप्पू शिवहरे ने कहा कि अगर जल्द से जल्द पल्स की जो जमीन अवैध कब्जाधारकों ने कब्जा रखी है वह अगर मुक्त नहीं हुई तो इस मामले में शिवसेना भी निवेशकों के पक्ष में आंदोलन करेगी। 

पप्पू शिवहरे का कहना था कि आज शिवसेना ने पल्स निवेशकों को अपना समर्थन देते हुए ज्ञापन सौंपा है। अगर इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई तो जल्द ही एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 

पूर्व में हुई बैठक में हुआ था हंगामा
यहां बता दें कि पिछले दिनों शिवपुरी में पल्स एजेंट एवं निवेशकों की एक बैठक आहूत की गई थी। आरोप है कि इस बैठक को जिन पल्स के एजेंटों द्वारा बुलाया गया था उनके शहर में एक नई कंपनी खड़ा किया जाना बताया जा रहा है और इस कंपनी के मार त से ही भोलेभाले निवेशकों को फिर से लूटने की तैयार की जा रही है। 

जिस दिन यह बैठक बुलाई गई थी उस दिन भी निवेशक और एजेंट आमने-सामने हो गए थे और यहां स्थिति यह बनी थी कि मामले को शांत कराने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा था।