
जानकारी के अनुसार चंपा पुत्री गप्पू आदिवासी परिवर्तित नाम उम्र 10 वर्ष निवासी अगरा अपने घर में अकेली थी। बालिका के परिजन मजदूरी करने गये थे। जब शाम को लोटकर आये और देखा कि बालिका घर पर नहीं है। तो परिजनों ने बालिका को हर संभब स्थान पर खोजा तो एक पडौस में रहने बाले बालक ने बताया कि उसकी बालिका को गांव का ही उ मेदा आदिवासी छापर बाले जंगल की तरफ लेकर गया है।
इस बालक की बताई गई बात पर परिजन बालिका को खोजने छापर के जंगल की और गये। तो देखा की उ मेदा बालिका को लेकर आ रहा है। बालिका के परिजनों को देखकर उ मेदा बालिका को छोडक़र भाग गया। बालिका ने उक्त पूरा घटनाक्रम परिजनों को बताया। जहॉ परिजन बालिका को लेकर बदरबास थाने में पहुॅचे जहॉ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 363,376 ताहि एवं 3/4 पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।