राजनैतिक दवाब में आई शिवपुरी पुलिस, मृत आरक्षक के परिजनों पर मामला दर्ज

शिवपुरी। अंतत: स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के बीच की तनातनी में स्वास्थ्य विभाग का पॉलिटिकल पॉवर काम कर गया और सीएम के फ्रीहेंड दिए जाने के बावजूद शिवपुरी का पुलिस विभाग उस मामले में इकतरफा एफआईआर दर्ज कर गया, जिसके चश्मदीद गवाह, खुद पुलिस विभाग के ही कई अधिकारी हैं। 

मामला अस्पताल में हुए हंगामे का है। एक डॉक्टर ने मृत आरक्षक की साली को थप्पर मार दिया था। इसके बाद शुरू हुआ विवाद दो विभागों के बीच तनाव तक जा पहुंचा। डॉक्टरों ने पुलिस विभाग पर पॉलिटिकल प्रेशर डलवाया और दवाब में आई पुलिस ने वो एफआईआर दर्ज कर ली, जो न्यायोचित तो कतई नहीं थी। 

विदित हो कि दो दिन पूर्व खनियाधांना में पदस्थ आरक्षक इंद्रप्रताप सिंह परिहार की जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस घटनाक्रम के बाद मृतक के परिजनों ने जिला चिकित्सालय में जमकर हंगामा किया। इस घटनाक्रम ने और भी ज्यादा तूल तब पकड़ा जब ड्यटी पर उपस्थिति एक डॉक्टर ने मृतक की साली के साथ अभद्रता कर दी। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाये थे कि डॉक्टर ने मृतक की साली में थप्पड़ मार दिया। जिसके चलते परिजन और आक्रोशित हुए जमकर हंगामा किया।

इस दबाब की राजनीति और डॉक्टरों का प्रभारी मंत्री के चहेते होने के चलते डॉक्टरो की लापरवाही होने के बाबजूद पुलिस ने अपने कर्मचारी के परिजनों मृतक के साले,सालीयों के खिलाफ धारा 353,332,427,3-4 डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अभी तक उस युवती की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की है, जिसे एक डॉक्टर ने सरेआम चांटा मारा था। 
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