
इस सेंटर पर न तो प्रतियोगिता को लेकर कोई बैनर लगाया गया और न ही इस सेंटर पर किसानों को सूचना देने के लिए कोई अफसर मौजूद था। बाद में जब अफसरों को फोन लगाए गए तो उनके द्वारा एकाएक बताया गया कि यह प्रतियोगिता अब 16 से 18 अक्टूबर के बीच होगी।
पांच दिन के बिल बनाकर पेमेंट की तैयारी
गुुरुवार को निर्धारित दिनांक पर प्रतियोगिता शुरू न होने पाने के पीछे विभागीय सूत्रों ने बताया है कि इस प्रतियोगिता के नाम पर टेंट, माइक, किसानों को ठहराने, उनके खाने आदि के फर्जी बिल पांच दिन के लगाकर कुछ अफसर इस सरकारी बजट को ठिकाने लगाने की तैयारी में है।
बजट ठिकाने लगाने के लिए केवल कागजीकरण के लिए यह प्रतियोगिता पांच दिन के लिए रखी गई लेकिन गुरुवार को इसकी पोल खुल गई। अब अफसर अपने बचाव के लिए इसका समय परिवर्तित होने की बात कहकर बचने की कोशिश कर रहे हैं।
ब्लॉक स्तर पर भी हुआ फर्जीवाड़ा
इस प्रतियोगिता को जिले के अलावा ब्लॉक स्तर पर भी आयोजित किया जाता है। इस ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता में भी बजट ठिकाने लगाने का काम किया गया है। 7 से 9 अक्टूबर के बीच कई ब्लॉकों में इस प्रतियोगिता को कागज में आयोजित कर लिया गया और अपने खास किसानों की गायों को चिंहित कर प्रतियोगिता आयोजित करा ली। जिले के आठों ब्लॉकों में इस प्रतियोगिता के नाम पर 12 लाख से ज्यादा का बजट ठिकाने लगाया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
हमने एकाएक इसकी तारीख नहीं बदली है। यह प्रतियोगिता 16 अक्टूबर की शाम से होगी। 18 तक इसके रिजल्ट आएंगे। पूर्व में प्रेसनोट कैसे 13 अक्टूबर को जारी हो गया। इस बारे में पता करता हूं।
आरपीएस भदौरिया
उपसंचालक, पशुपालन विभाग शिवपुरी