शिवपुरी को फिर झटका: स्वीकृत लॉ कॉलेज की अनुमति निरस्त

शिवपुरी। शहर में जिस लॉ कॉलेज की का भूमिपूजन मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने किया था। उसकी अनुमति ही निरस्त कर दी गई। शासन का कहना है कि इस हेतु जनभागीदारी की राशि उसे प्राप्त नहीं हुई अत: कलेक्टर शिवपुरी की अनुशंसा पर अनुमति निरस्त की गई, जबकि बताया जा रहा है कि शासन की मांग 90 लाख के स्थान पर 92 लाख रुपए जमा कराए जा चुके हैं। कुल मिलाकर मेडिकल के बाद अब लॉ कालेज भी टंटे में फंस गया। देखते हैं यशोधरा राजे सिंधिया इसे कैसे बचा पाती हैं। बता दें कि शिवपुरी में कानून की पढ़ाई का काफी स्कोप है। मप्र को सबसे ज्यादा सिविल जज देने वाला शहर​ शिवपुरी ही है। 

मप्र शासन के योजना सांख्यिकी विभाग ने अपनी उस स्वीकृति को निरस्त कर दिया है जिसके तहत जनभागीदारी से शिवपुरी में 3 वर्षीय और पांच वर्षीय विधि पाठयक्रम को संचालित करने हेतु लॉ कॉलेज का निर्माण किया जाना था। 

खास बात यह है कि 1 करोड़ 81 लाख 24 हजार रूपए की लागत के लॉ कॉलेज भवन हेतु जनभागीदारी से अंशदान 92 लाख 62 हजार रूपए जमा भी कर दिए गए थे। उक्त राशि से लॉ कॉलेज का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। यही नहीं लॉ कॉलेज निर्माण कार्य का भूमि पूजन भी स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया कर चुकी थी। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जब भाजपा नेता अजय खैमरिया जनभागीदारी के अध्यक्ष थे तब उनके कार्यकाल में शिवपुरी में बार काउन्सिल ऑफ इंडिया के मापदण्डों के आधार पर लॉ कॉलेज का निर्माण और स्वीकृति हेतु प्रस्ताव मध्य प्रदेश शासन को भेजा गया था। 

मई 2013 में मध्य प्रदेश शासन के योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के उप सचिव पीके सिद्धार्थ ने कलेक्टर शिवपुरी, पीडब्ल्युडी के कार्यपालन यंत्री और जिला योजना अधिकारी को अवगत कराया कि लॉ कॉलेज भवन और अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण कार्य की कुल लागत 1 करोड़ 81 लाख 24 हजार है। जिसमें जनभागीदारी का अंश एस्टीमेटेड राशि का 50 प्रतिशत रूपए 92.62 लाख रहेगा तथा शेष 50 प्रतिशत राशि शासकीय अनुदान 92.62 लाख रूपए प्रदान किए जाएंगे। इस तरह से स्वीकृति निर्माण कार्य का एस्टीमेट नियमानुसार होने की शर्त पर दी गई। 19 जुलाई 2013 को शिवपुरी के विधि भवन निर्माण हेतु कार्यपालन यंत्री लोकनिर्माण विभाग द्वारा प्रस्तुत प्राक्कलन एवं नक्शानुसार प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई। 

उक्त जानकारी शासकीय पत्र द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव डॉ. महेन्द्र सिंह रघुवंशी ने महाविद्यालय के प्राचार्य को अवगत कराई गई। इससे तय हो गया कि शिवपुरी में लॉ कॉलेज बनेगा और इसका लाभ यहां के विद्यार्थियों को मिलेगा। महाविद्यालय ने जनभागीदारी की राशि पीडब्ल्यूडी को भी जमा कर दी। जिसके बाद विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने निर्माण कार्य का भूमि पूजन भी कर दिया। 

लेकिन योजना विभाग से राशि महाविद्यालय को जारी नहीं की गई। इस पर 22 अगस्त 2014 को अपर संचालक उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालय के प्राचार्य से पत्र लिखकर पूछा कि योजना विभाग द्वारा राशि महाविद्यालय को दी गई है अथवा नहीं। यह भी कहा गया कि स्थिति से तत्काल अवगत करायें ताकि प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को वस्तु स्थिति से समय सीमा में अवगत कराया जा सके। 

इसी बीच पोहरी विधायक प्रहलाद भारती ने भी अपने विधायक फंड से लॉ कॉलेज निर्माण हेतु 5 लाख रूपए की राशि दे दी। इस तरह से जनभागीदारी का अंश 90.62 लाख के स्थान पर बढक़र 95.62 लाख हो गया। परन्तु आशाओं पर तब तुषारापात हो गया जब अवर सचिव आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने 28 मई को पत्र लिखकर अवगत कराया कि दिनांक 20 मई 2013 के द्वारा लॉ कॉलेज निर्माण की जारी की गई स्वीकृति को 50 प्रतिशत जनभागीदारी अंशदान की राशि नियमानुसार उपलब्ध न होने के कारण आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी एवं कलेक्टर की अनुशंसा के अनुसार स्वीकृति निरस्त की जाती है।