भौंती। शिवपुरी जिला मध्य प्रदेश में कुपोषण के मामले में दूसरे नंबर का दर्जा मिलने के बावजूद भी अधिकारी नोनिहालों के पोषण आहार में लापरबाही बरत रहे है। शासन के तमाम प्रयास जमीन स्तर पर फैल हो रहे है। अब खबर आ रही है कि महिला विकास विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट अब बच्चों तक का दूध चढ गया।
बताया जा रहा है कि शिक्षण सत्र के शुरू में प्रत्येक आंगनबाडी के बच्चे पौष्टिक आहार के रूप में प्रतिदिन ताजा दूध पिलाने की योजना बनाई गई। योजना के अंतर्गत प्रायमरी स्कूल के छात्रों को सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दूध पिलाया जाना था।
परंतु दूध पिलाना तो दूर कई स्कूल के शिक्षकों तक को इस योजना तक की जानकारी नही है। ऐसे ही हालात पिछोर बिकास खंड अंतर्गत भौंती और मनपुरा संकुल के 150 प्रायमरी स्कूलो के 3000 से अधिक बच्चे और आंगनबाड़ीओ के 2000 बच्चों को माह जुलाई से अभी तक दूध के पैकेट न तो केन्द्रो को भेजे और न ही समूहों को दिए ।
लापरवाही का आलम यह है की ब्लॉक,बीआरसीसी और महिला बाल विकास को इसकी क्रियान्वन की जिम्मेदारी है पर तीनो विभागो में ही इस योजना को लेकर समन्वय ही नहीं है।
इनका कहना है
आंगनवाडी और प्रायमरी स्कूलों में दूध बितरण कराया जाना है । जहाँ भी नहीं बट रहा है उसके बारे में जानकारी लेता हूँ । पोषण आहार में लापरवाही नहीं होगी अगर कोई भी लापरबाही सामने आयेगी तो कार्यवाही की जायेगी।
संजीव जैन
एस डी एम ,पिछोर
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