ठेकेदार ने दिया नपाध्यक्ष और सीएमओ को धारा 420 का नोटिस

शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका में बैंच काण्ड के बाद एक और भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। बताया जा रहा है कि अपने चहेते ठेकेदार की फर्म को लाभ देने के उद्देश्य से अन्य ठेकेदार के कागजो को खुर्दबुर्द कर दिया गया और उसे टेंडर पॉलिशी से बहार कर दिया गया। जानकारी आ रही है जिस ठेकेदार को यह काम मिला है उसने 6.5 प्रतिशत दर अवव डाली थी। और जिसके कागज खुर्दबुर्द कर दिए गए उसने 16 प्रतिशत कम रेट डाली थी। 

नपाध्यक्ष के घर के पास वाले नाले की बाउन्ड्रीबाल के लिए डाला गया टेंडर उस ठेकेदार अनुभव कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया। जिसने लगभग 10 लाख के इस काम में टेंडर दर 6.5 प्रतिशत दर अवव डाली थी। जबकि 16 प्रतिशत बिलो डालने वाले ठेकेदार गिरीश गुप्ता का टेंडर उसके दस्तावेज खुर्द बुर्द कर खोला ही नहीं गया। मजे की बात तो यह है कि इस काम के लिए ऑनलाईन टेंडर 9 ठेकेदारों ने डाले थे। 

जिनमें से आठ ठेकेदारों के टेंडर खोले ही नहीं गए। इनमें 7 ठेकेदार वे थे जिन्होंने टेंडर न खोलने के लिए सहमति पत्र दे दिए थे, लेकिन ठेकेदार गिरीश गुप्ता ने सहमति पत्र नहीं दिया तो उसके दस्तावेज खुर्द बुर्द कर दिए गए। जबकि दस्तावेजों की प्राप्ति उसके पास है। 

इस मामले को लेकर ठेकेदार गिरीश गुप्ता ने नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह और मु य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार को नोटिस देकर इस मिली भगत में उनका हाथ बताते हुए इस कृत्य को भादवि की धारा 420, 406 के तहत दण्डनीय अपराध माना है। 

नोटिस में ठेकेदार ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि उसे कार्य का वर्कादेश नहीं दिया गया और दोषी अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारियों के विरूद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई तो वह न्यायालय की शरण लेने के लिए बाध्य होगा। 

अभिभाषक श्रीमती मनीषा तिवारी द्वारा नोटिस में उल्लेख किया गया है कि नपाध्यक्ष के निवास स्थान के समीप नाले पर बाउण्ड्रीबाल का ऑन लाईन टेंडर क्रमांक 17379 बुलाया गया था। जिसमें शिवाजी ब्रदर्स, पूर्वीइन्फ्रा, अनुभव कंस्ट्रक्शन, गिरीश कुमार गुप्ता, धीरेन्द्र सिंह चौहान, रामभरत धाकड़, उदित शिवहरे, बाबू सिंह बैश्य और रामाश्रय कंस्ट्रक्शन आदि फर्म ने टेंडर डाले थे। 

जिस पर उनके पक्षकार गिरीश गुप्ता द्वारा 13जून 2016 को पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों की छायाप्रति एवं शासकीय जमा राशि 50 हजार रूपए व शपथ पत्र की मूल की प्रति कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव को सौंपे गए थे।   और उनकी प्राप्ति भी ली गई थी जबकि  नियत तिथि में कार्य के संबंध में टेंडर नहीं खोले गए और एक अगस्त को सहायक यंत्री सतीश निगम द्वारा उन्हें मोबाईल पर सूचना दी गई कि टेंडर फार्म खोले जा रहे हैं इसलिए वह उपस्थित रहें। 

श्री निगम की सूचना मिलने के बाद पक्षकार गिरीश गुप्ता ने टेंडर फार्म उनकी अनुपस्थिति में खोलने की स्वीकृति दे दी और कहा कि उनके सारे औपचारिक दस्तावेज टेंडर फार्म के साथ संलग्न हैं। इसी दौरान बाबूओं ने मिलकर उनके समस्त आवश्यक दस्तावेजों को खुर्द बुर्द कर दिया और टेंडर की दरों को तुलनात्मक तालिका में स्थान नहीं दिया गया। इस संबंध मे शिकायत नपाध्यक्ष और सीएमओ से की गई, लेकिन उनके द्वारा कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इनका कहना है
मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है साथ ही वह फाईल भी मैने नहीं देखी है। आप बाबू संजय गुप्ता से जानकारी लें तो बेहतर रहेगा
मुन्नालाल कुशवाह
नपाध्यक्ष शिवपुरी