
विदित हो कि 13 मार्च 2014 की रात्रि में आरक्षक संतोष भार्गव को उसकी पत्नि भावना उर्फ सोनू ने ग्वालियर से शिवपुरी प्लॉट देखने के बहाने बुलाया और इसके बाद अपने प्रेमी विनोद कुशवाह तथा एक अन्य सहयोगी की मदद से नशीला पेयपदार्थ पिलाकर उसे बेहोश कर दिया था।
इसके बाद आरोपियों ने आरक्षक का गला रेत कर उसे सतनवाड़ा में मरणासन्न हालत में छोड़ दिया। बाद में एंबूलेंस की सहायता से आरक्षक संतोष भार्गव को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां उसकी हालत गंभीर थी। श्री भार्गव ने अपने मृत्यु पूर्व बयान में बताया था कि विनोद कुशवाह और उसका साथी उसे प्लॉट दिखाने ले जा रहे थे। रास्ते में गुना वायपास पर उन्होंने मुझे माजा पीने को दिया। इसके बाद मैं बेहोश हो गया और मुझे कुछ भी याद नहीं आ रहा था।
पुलिस ने आरक्षक भार्गव के बयान के बाद आरोपी विनोद कुशवाह, भावना उर्फ सोनू तथा एक अन्य आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा 307 के तहत हत्या प्रयास का मामला कायम कर लिया था और आरोपीयों को गिर तार कर लिया था।
जानकारी के अनुसार आरक्षक संतोष भार्गव होमगार्ड सैनिक था और पिछले वर्ष उसने सतना में हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लिया था तथा वह चुन लिया गया था। घटना के समय उसे ग्वालियर के तिघरा में स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था।
महिला का आरोप है कि उसपर पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया है। महिला कुछ दिन पूर्व ही जेल से पेरोल पर बाहर आई है। बताया गया है कि महिला ने जहर गटक रखा है।