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मैनेजमेंट का कहना है कि हमने बच्चों की पढाई का प्रत्येक माह का मैन्यू तैयार किया है। इस मैन्यू से ही बच्चों को क्रमश पढ़ाया जा रहा है। और इस मैन्यू को बच्यों के पेरेन्टसो के घर पर भिजवाया जाता है। जिससे पेरेन्ट्स को यह जानकारी मिल सके की बच्चों को स्कूल मेंं क्या पढाया गया है।
जिसमें बच्चे के घर पूछा जा सके अगर आपके बच्चें के जो स्कूल में पढ़ाया गया है, उसे घर पर नहीं बता रहा, क्या नहीं बता रहा, किस चीज में आ रही है। और अपने बच्चो की इस समस्या को पैरेंटस मींटिंग में,पैरेन्टस अपने बच्चे को बता सके जिससे इस समस्या का समाधान खोजा जाए।
इस नीति के बारे में डायरेक्टर सौरभ का कहना है। हमने यह पढाया और बच्चे ने सीखा या नहीं सीखा इससे पेरेन्टस को भी जानकारी मिलती है। अगर हमारा पढाया हुआ बच्चा घर पर नही बता पा रहा है तो हम अपने आप को और बेहत्तर बनाने का प्रयास करते है। हमारे मैन्यू से बच्चो को पैरेंटसो को यह जानकारी मिलती है कि बच्चे को क्या-क्या पढाया जा रहा है। और हर माह होने वाली पैरेटंस मीटिंग में हमे भी अपने आप को परखने का मौका मिलता है।
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