![](https://4.bp.blogspot.com/-sTXjeZNBbd4/V4znHC7sqpI/AAAAAAABa4M/S2EyoFSOnMU5_u1kirzybeA-wSAVrUG-gCLcB/s1600/25%2B%25281%2529.jpg)
कलेक्टर राजीव दुबे ने उक्त आशय की जानकारी समय-सीमा के पत्रों की समीक्षा बैठक में दी। जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिला पंचायत के मु य कार्यपालन अधिकारी डी.के.मौर्य, अपर कलेक्टर नीतू माथुर सहित जिला अधिकारी एवं सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), जनपद पंचायतों के मु य कार्यपालन अधिकारी आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री दुबे ने समय-सीमा के पत्रों एवं सी.एम.हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतों की विभागवार समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण से काफी बच्चे ग्रसित है। इन बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालकर सामान्य श्रेणी के बच्चों में लाना है। इसके लिए जिलाधिकारियों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले अति कुपोषित बच्चों की जवाबदारी निर्धारित की गई।
इसके लिए प्रत्येक अधिकारी को गांव आवंटित कर 5 आंगनवाड़ी केन्द्र में चिहिन्त सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाने हेतु विशेष पोषण आहार के रूप में इन बच्चों को प्रोटीन, कॉर्बोहाईटेड एवं मिनरल से भरपूर खाद एवं पेय पदार्थ और फल आदि प्रदाय किए जाएगें। शहरी क्षेत्र में यह अभियान रेडक्रॉस के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री दुबे ने महिला बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि अति कुपोषित बच्चों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्रवार तत्काल अधिकारियों को उपलब्ध कराए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि उन्हें आवंटित की गई आंगनवाड़ी केन्द्रों के अति कुपोषित बच्चों को केन्द्रों पर पहुंचकर पोषण आहार प्रदाय करें। इसके साथ-साथ इन बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाए।
इस दौरान कलेक्टर ने बताया कि करैरा विकासखण्ड की दिनारा की आंगनवाड़ी केन्द्रो को वे स्वयं, जिला पंचायत के सीईओ छर्च की आंगनवाड़ी केन्द्रों को और अपर कलेक्टर बीरा ग्राम की आंगनवाड़ी केन्द्रों के अतिकुपोषित बच्चों को पोषण आहार प्रदाय कर सामान्य श्रेणी में लाने का प्रयास करेंगे।
श्री दुबे ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी आंगनवाड़ी केन्द्र के आलावा गांव में पाए जाने वाले अतिकुपोषित बच्चों को भी पोषण आहार प्रदाय करेंगे। इस प्रकार के बच्चों की जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षकों से भी जानकारी लें।
साथ ही इन बच्चों के आधारकार्ड भी बनाए जाए। श्री दुबे ने जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र परिसर में सेंजना के पांच पौधे भी रोपित किए जाए। सेंजना की फलियां पर्याप्त प्रोटीन का स्त्रोत है। आने वाले समय में बच्चों को सेंजना की फलियों से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन प्राप्त होगा।
Social Plugin