
अपने माता-पिता परिवार के साथ खेतीबाड़ी कर जीवन गुजारने के दौरान जब भी अनुज को बुखार या अन्य कोई तकलीफ होती तो वह उस समय चलन में चलने वाली हरी पन्नी(गोली) का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ ले लेता था लेकिन अब यही हरी पन्नी उसके जीवन में अकाल बनकर आ खड़ी है। जिसके चलते अनुज का विवाह हुआ तो उसके घर में खुशियां थी लेकिन विवाह के कुछ समय बाद से वह इस हरी पन्नी गोली के रिएक्शन घेरे में आ गया और उसकी किडनी खराब हो गई जो आज किडनियों की बीमारी से तड़प रहा है।
इस तकलीफ में उसे अपनी पत्नि कमलेश कुशवाह के अलावा अन्य किसी का साथ नहीं मिल रहा, परिजनों ने भी अनुज को घर से भगा दिया और आज वह ग्वालियर वायपास के समीप कुशवाह मैरिज गार्डन से चंद कदमोंं की दूरी पर एक किराए के कमरे में अपनी पत्नि के साथ जीवन बसर कर रहा है। अनुज को शहरवासियों से आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि वह उसकी इस तकलीफ को समझकर उसकी मदद को आगे आऐंगें।
एक हफ्ते का खर्चा 6 हजार
महंगाई के इस युग में बीमारी भी अब महंगी हो गई है यही कारण है कि अनुज को डायलिसिस के लिए अपने रक्त को रिसाईकिल कराना पड़ता है इसके लिए उसे प्रति सप्ताह करीब 6 हजार रूपये खर्च करने पड़ते है और वह एम.एम.हॉस्पिटल में डायलिसिस कराकर जीवन जी रहा है हाथ के भीतर घूमने वाली मशीन से अनुज की जिंदगी की सांसें चल रही है।
गरीब और तंगहाली में जीवन जी रहे अनुज पर यह बीमारी पहाड़ बनकर टूट पड़ी है अभी तो वह जैसे-तैसे इधर-उधर से मदद करके इस राशि को वहन कर रहा है लेकिन इस खर्चे को और अधिक उठाने की क्षमता अनुज में नहीं है। यदि ऐसे में शहरवासी अनुज की मदद करें तो संभव है वह अपनी इस बीमारी का उपचार करा सके।
जिला चिकित्सालय में टैक्नीशियत नहीं इसलिए नहीं हो रही डायलिसिस
हालांकि जिला चिकित्सालय में डायलिसिस सुविधा शुरू होने की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है लेकिन यहां टैक्नीशियन ना होने की वजह से यह सुविधा शुरू होने से पहले ही बंद सी हो गई है।
प्रतिदिन दर्जनों मरीज डायलिसिस कराने के लिए अस्पताल पहुंचते है लेकिन यहां टैक्नीशियन की नियुक्ति ना होने से मरीज परेशान है। जिला चिकित्सालय प्रबंधन भी इस समस्या के प्रति गंभीर है पर प्रयासों में सफलता नहीं मिली।
पति को किडनी देने पत्नि तैयार, लेकिन ऑपरेशन को पैसे नहीं
ऐसा नहीं है कि अनुज की इस बीमारी के प्रति किसी को संवेदना नहीं है। इस संवेदना और इस बीमारी को करीब से जाना अनुज की पत्नि कमलेश कुशवाह ने। जिन्होंने बीते 6 वर्षों से अनुज के हर सुख-दु:ख में साथ दिया और आज भी इस बीमारी के सामने हर परिस्थिति का सामना करने को तैयार है।
अनुज की पत्नि स्वयं अपनी किडनी मैच होने के बाद डोनेट करने को तैयार है लेकिन इसके लिए ऑपरेशन आवश्यक है और ऑपरेशन का खर्चा करीब 3 लाख रूपये है ऐसे में इतनी बड़ी राशि एकत्रित कर पाना अनुज के बस की बात नहीं है।
उसने शहरवासियों से इस राशि को सहयोग के रूप में प्रदान करने की गुहार लगाई है और नगरवासियों से अपेक्षा है कि वह अनुज को व्यक्तिगत उसके निवास ग्वालियर वायपास के समीप, मोबाईल 9981171498 एवं इंडियन ओवरसीज बैंक में नाम अनुज कुशवाह खाता क्रं 242001000002637 गुप्तदान कर सहयोग प्रदान कर सकते है।