धूमधाम के साथ मनी गुरूपूर्णिमा, गुरू पूजन, भजन, कीर्तन और भंडारे में उमड़ा जनसैलाब

शिवपुरी। नगर में गुरूपूर्णिमा का उत्साह आज बड़े उत्सव के रूप में मनाया गया। शहर के मंदिरों एवं बिनैगा आश्रम पर जहां सुबह से ही भक्तजनों का तांता लगा रहा तो वहीं पूजा-अर्चना के बाद गुरूओ की पूजा का सिलसिला शुरू हुआ। नगर में लोगों ने नारियल, माला, वस्त्र, उपहार एवं गुरूदक्षिणा के रूप में अपनी बुराईयों और दुव्र्यसनों को छोडऩे का संकल्प लिया।

इस दौरान सुबह जहां गुरूपूजन, पादपूजन, कीर्तन एवं भण्डारे का सिलसिला भी अनवरत रूप से जारी रहा। अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने विभिन्न जगहों पर आयोजित भण्डारे में प्रसाद लेकर धर्मलाभ प्राप्त किया। 

गुरूपूर्णिमा के अवसर पर नगर के श्री बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पर महंत महामण्डलेश्वर पुरूषोत्तदास जी महाराज, श्री बांकड़े हनुमान मंदिर पर महंत गिरिराज जी महाराज एवं डॉ.गिरीश जी महाराज, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर पर महंत लक्ष्मणदास त्यागी जी महाराज एवं बाल व्यास पं.नीलेशकृष्ण शास्त्री महाराज, काली माता मंदिर पर पं.बाल व्यास पवन जी महाराज, श्रीपाताली हनुमान मंदिर पर महंत लक्ष्मणदास जी महाराज, पंचमुखी हनुमान मंदिर पर महंत गिरी जी महाराज, झांसी तिराहा स्थित रामजानकी मंदिर स्थित पं. मोहन प्रसाद शर्मा एवं अर्जुन शास्त्री जी महाराज, श्रीराधा-कृष्ण मंदिर पर पं.मुकेश कृष्ण शास्त्री, श्रीबालाजी धाम मंदिर पर ब्रह्मली महंत बाबूलाल उपाध्याय के सानिध्य में, मध्यदेशीय अग्रवाल धर्मशाला पर विश्व आध्यात्मिक गुरू संस्थान के गुरूवर डॉ.रघुवीर सिंह गौर जी के सानिध्य में, शिवा नगर में मॉं बीस भुजी दरबार में बड़े उत्साह व विधि-विधान से पूजा अर्चन के साथ गुरूपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। 

यहां इन सभी स्थानों पर दोपहर बाद विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की सं या में धर्मप्रेमीजनों ने प्रसाद ग्रहण कर धर्मलाभ लिया। इसके अलावा कई जगह मंदिरों पर हवन, पूजन, 56 भोग, भजन-कीर्तन व सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन ाी हुआ। नगर में गुरूपूर्णिमा का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। जहां शिष्यो ने अपने गुरूवर के चरणों में नमन् कर उनसे आर्शीवाद प्राप्त किया। 

बिनैगा आश्रम पर भी हुआ गुरूपूजन एवं विशाला भण्डारे का आयोजन
बिनैगा आश्रम पर आज सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा यहां महाराजश्री के विशेष गुरूपूजन के बाद भक्तों ने गुरूओं की पूजा अर्चना करने के पश्चात महाराजश्री के प्रवचनों का लाभ प्राप्त किया तत्पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया।