ललित मुदगल@ एक्सरे/शिवपुरी। पिछले 10 दिनों की सबसे बडी खबर फॉरेस्ट गार्ड की हत्या ही रही है। खबर लिखे जाने तक मृतक की लाश बरामद नही हो सकी है परन्तु इन खबरों में से एक खबर यह भी आ रही है कि मृतक फॉरेस्ट गार्ड विभागीय षडयंत्र की शिकार हो गया। सूत्र कह रहे है कि पुलिस इस ओर भी जांच कर रही है। आइए इस मामले का शिवपुरी समाचार डॉट काम पर एक्सरे करते है।
इस हत्याकाण्ड में अभी जो सामने आया है कि मृतक वनपाल की हत्या दिनेश भील से पेड काटने के विवाद को लेकर हुई है। यह कहानी फॉरेस्ट ने भी बताई है और पुलिस ने भी लेकिन इस हत्या कांड की प्रेस वार्ता में पुलिस से जारी प्रेस नोट में सबसे नीचे लिखा गया था कि मृतक घटना स्थल पर अकेला क्यों गया था पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।
इस हत्याकाण्ड के परर्दे की पीछे की कहानी, जो विभागीय सूत्रों से छनकर आ रही है वह चौंकाने वाली है। सूत्रो का कहना है कि यह हत्याकांड रिश्वतखोरी के चलते हुआ है। इस हत्याकाण्ड के 3 दिन पहले फॉरेस्ट की एक टीम ने भीलों का एक रेत से भरा एक ट्रेक्टर पकड लिया था और उस टीम ने इस ट्रेक्टर को छुडाने के ऐवज में सौदा हआ 30 हजार का, 20 हजार तत्काल दे दिए गए और 10 हजार बाद में देने को कहा गया।
चौकाने वाली खबर यह है कि इस ट्रेक्टर को पकडने वाली टीम में मृतक फॉरेस्ट गार्ड नही था। बताया यह भी गया है कि रेंज के वरिष्ठों ने इस गार्ड को जबरिया रिश्वत का बकाया लेने पहुंचा दिया। जैसा कि हत्यारे ने पुलिस को बयान दिया है कि वर्दी देखकर मेरा खून खौल जाता है इसी बात को साबित करते हुए रिश्वत और वर्दी को हत्यारा भडक गया और फॉरेस्ट गार्ड को कुल्हाडी से काट दिया।
कुल मिलाकर इस मामले में विभागीय असंवेदनशीलता स्पष्ट रूप से शुरू से ही नजर आ रही है। सूत्र बता रहे है कि हत्या से पहले मृत वनपाल को जिंदा घसीटकर बस्ती में ले जाया जा रहा था, तभी बदरवास रेंज के रेंजर को इस घटना मिल गई थी। अगर विभाग तत्काल सक्रिय हो जाता तो शायद गार्ड जिंदा होता।
कहानी जो भी हो पर इस बात को बदरवास रेंजर जेडी पटेल ने स्वीकार किया कि छपरा रेंज के डिप्टी रेंजरो और गार्डो ने भीलो का एक रेत से भरा ट्रेक्टर पकडा था और उसको चैक कर छोड दिया गया था।
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