शिवपुरी। सरकारी आंकड़ों में प्रदेश का नंबर 1 अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार है। यह मरिजों को नि:शुल्क दवाओ के साथ दर्द भी नि:शुल्क दिया जाता है। इस अस्पताल ना तो मरिजो को दवा है और नही जांचो की सुविधा और डॉक्टर तो भगवान भरोसे ही मिलते है।
जिला चिकित्सालय में स्वास्थ परीक्षण कराने चाहिए पांच घंटे?
जिला चिकित्सालय में मरीज अपना चैकअप कराने के लिए यदि घर से आता है तो पांच घंटे का समय लेकर आए क्योंकि यहां ओपीडी के पर्चा बनबाने में ही एक घंटे का समय गुजरता है और चिकित्सकीय परीक्षण कराना है तो लाईन में लगभग दो घंटे समय चाहिए इसके बाद सरदार बल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण केन्द्र से यदि दवा लेना है तो यहां घंटों इंतजार करने के बाद ही कोई भरोसा नहीं दवा मिल पाये।
न गद्दे न चद्दर जमीन पर पड़े हैं मरीज
जिला चिकित्सालय शिवपुरी में इन दिनों मरीजों का बुराहाल हो रहा है यहां मरीज अपना दर्द निवारण हेतु जिला चिकित्सालय में भर्ती होता है लेकिन यहां दर्द निवारण की जगह मरीज को दर्द कम तो नहीं हो पाता बल्कि बढ़ और जाता है। क्योंकि मरीजों को यहां आराम करने के लिए न तो पलग तो दूर की बात हैं गद्दे व चादर भी नसीब नहीं होते हैं। जिससे बेचारे मरीज जमीन पर लेटकर अपना उपचार करा रहे हैं।
जिला अस्पताल में दवा भी नसीब नहीं हो रही मरीजों को
प्रदेश के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मरीजों को नि:शुल्क उपचार योजना के माध्यम से नि:शुल्क दवा जिला अस्पताल से ही मरीजों को दी जाने की बात कहीं थी। साथ ही नि:शुल्क जांच सुविधा भी उपलब्ध कराई गई जिससे मरीजों को अब किसी भी दवा एवं जांच कराने इधर उधर नहीं भटकना पड़े।
लेकिन जिला चिकित्सालय शिवपुरी में इन दिनों उलटा ही हो रहा है। न तो अस्पताल में भर्ती मरीजों को दवा ही मिल रही है, न ही उनकी जांच। स्थिति तो इतनी बिगड़ गर्ई है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन एवं वोल की ड्रिप भी बाहर से खरीदना पड़ रही है।
वहीं नि:शुल्क जांचों की बात करें तो यहां मलेरिया या सीबीसी की जांच को छोड़ दिया जाए तो अन्य जांचें भी बाहर पैथलोजियों पर कराना पड़ रही है। अब तो चिकित्सक भी बाहर की दवा लिखने किसी भी प्रकार गुरेज नहीं कर रहे हैं।
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