
जिसे पर्यावरण बचाने की दृष्टि से बांस की कम उपलब्धता तथा भविष्य के दृष्टिगत किया जा रहा है। इस प्रकल्प को प्रारंभ कर उसे अमल मेें लाने का बीड़ा संस्था ने उठाया है और जरूरत के मुताबिक आवश्यकतानुसार वीर तात्याटोपे शाखा ही आगे भी इन्हें मानवता को प्रदाय करती रहेगी।
यह जानकारी देते हुए संस्था अध्यक्ष हरिओम अग्रवाल ने बताया कि भाविप वीर तात्याटोपे शाखा की साधारण सभा की बैठक में इसकी आवश्यकता और भविष्य के दृष्टिगत इसके उपयोग को देखते हुए संस्था द्वारा निर्णय लिया गया कि वीर तात्याटोपे शाखा प्रथम चरण में पांच स्टील की अर्थियों को मानवता को प्रदाय करेगी जिसे कल्याणी धर्मशाला में रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि बांस की धीरे धीरे कम उपलब्धता के साथ पर्यावरण बचाने के दृष्टिगत भी इस कदम को उठाया गया है। उन्होंने बताया कि कई अन्य शहरों में इस प्रकल्प को अमल में लाया गया है जो कि बहुत सार्थक सिद्ध हुआ है।
्रउन्होंने बताया कि मानवता संस्था के सदस्यों के साथ बैठक में भी निर्णय लिया गया कि इस पूरे प्रकल्प को केवल भाविप की वीर तात्याटोपे शाखा ही संचालित करेगी और समय समय पर मांग अनुसार उन्हें मानवता संस्था को उपलब्ध कराएगी। भाविप की वीर तात्याटोपे शाखा द्वारा उसे मानवता संस्था को सौंप दिए जाने के बाद मानवता संस्था द्वारा इसके रख रखाव, उपलब्धता एवं संचालन की पूर्ण जि मेदारी होगी।
नि:शुल्क प्रदाय की जाएगी स्टील की अर्थी
मानवता संस्था के सदस्यों ने बताया कि भाविप की वीर तात्याटोपे शाखा द्वारा जो स्टील पाईप की अर्थियां हमें सौंपी जाएंगी उन्हें हम नि:शुल्क प्रदाय करेंगे जबकि बांस की अर्थी के लिए शुल्क निर्धारित था। व्यक्ति द्वारा मांगे जाने पर केवल अमानत के रूप में धरोधर राशि जमा कराई जाएगी, जिसे बाद में वापस कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस स्टील पाईप की अर्थी के साथ क्रियाकर्म हेतु एक बांस एवं अन्य सामग्री मांगे जाने पर दी जाएगी।