
एड.पीयूष ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर कहा कि जल संरचनाओं के पास बने अतिक्रमण को हटाना प्रशासन का स्वागत योग्य कदम है, लेकिन तब, जब वह पूरी ईमानदारी से हटाए जाए।
लेकिन कल जो हनुमान मंदिर पर दुकानों को तोडा है। उसमें प्रशासन ने कहा कि शहर में मास्टर प्लान लागू किया जा रहा है इस कारण इस रोड को 44 फुट करना है। इस कारण यह दुकानें तोडी गई। जैसा कि अतिक्रमणकर्ता ने प्रेस को बयान दिया है कि मेरे मकान की रजिस्ट्री की चर्तुसीमा में जो रोड का नाप है उससे वर्तमान में 3 फुट ज्यादा है लेकिन प्रशासन ने उस रजिस्ट्री को ना मानते हुए 4 दुकानो को धरासाई कर दिया।
शहर को मास्टर प्लान प्लान का डर दिखाकर अतिक्रमण तोडा जा रहा है। अगर प्लान लागू हुआ तो प्रशासन उसे सार्वजनिक करे, किसके आदेश से हुआ और कब हुआ यह शहर के जनमानस को जानने का अधिकार है। मास्टर प्लान केवल माधव चौक पर ही नही लागू हुआ पूरे शहर के लिए लागू किया होगा। वह भी प्रशासन सार्वजनिक प्रेस के माध्यम से करे की कौन सी रोड कितने मीटर की होगी।
शर्मा ने कहना है कि बताया यह भी जा रहा कि यह अतिक्रमण न्यायालय के आदेश से तोडा जा रहा है। तो यह भी शहर को बताया जाऐ कि न्यायालय का क्या आदेश है। न्यायालय ने अतिक्रमण की क्या परिभाषा दी है इस शहर के अतिक्रमण को हटाने की।
प्रशासन ने ऐसा कुछ भी क्लियर नही किया है। वह तो सिर्फ तोडफोड कर रहा है। इस शहर के नागरिको को मास्टर प्लान को जानने का संपूर्ण हक और अधिकार है। अगर न्यायालय के आदेश से इस अतिक्रमण को तौड़ा जा रहा है तो उस आदेश को भी सार्वजनिक करना भी न्यायसंगत है।