
भावुक होकर श्री दुबे ने कहा कि मैंने इस देश में जन्म लिया है इस देश का नमक में खाता हूं, शासन से मुझे काम का वेतन मिलता है, लेकिन यदि मैं काम न करूं तो मुझे कामचोर नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे। मेरे खिलाफ मंत्री जी को ज्ञापन देने वाले शिक्षक कामचोर थे और वह काम नहीं करना चाहते तथा मुफ्त में वेतन लेना चाहते हैं लेकिन मैं अपना काम ईमानदारी से करता हूं और ऐसे लोगों के खिलाफ बिना किसी भय के मैं कार्रवाई अवश्य करूंगा। मेरे बयान पर बबाल मचाने वालों के पास यदि मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार, चरित्रहीनता, लूट या कदाचरण के कोई सबूत हैं तो वह उन्हें प्रस्तुत करे।
इस संदर्भ में प्रदर्शनकारियों ने एक वीडियो उपलब्ध कराया है, देखने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें