
विदित हो कि आरोपी शिवकुमार गौतम किड्स गार्डन स्कूल के संचालक हैं और पुलिस ने उनके विरूद्ध भादवि की धारा 306 के तहत आत्महत्या उत्प्रेरण का मामला दर्ज किया है। श्री गौतम ने पूरे मामले की सीआईडी जांच की मांग की है ताकि दूध का दूध औैर पानी का पानी हो सके।
प्रेस को जारी बयान में शिवकुमार गौतम ने कहा कि उनकी पूर्व पत्नि ने उनके मृतक पिता और उनके भाई पर जो आरोप लगाये हैं उनके साक्ष्य आज भी मेरे पास मौजूद हैं। मेरी पूर्व पत्नि ने सन् 2011 में आरोप लगाये थे। जबकि रघुनंदन गौतम ने 2015 में आत्महत्या की। चार वर्षो के बाद रघुनंदन गौतम द्वारा आत्महत्या किये जाने को उत्प्रेरण का आधार नहीं माना जा सकता।
शिवकुमार गौतम ने स्वीकार किया कि उनकी पूर्व पत्नि हालांकि अपने आरोपों से पलट गई थी, लेकिन उसने ही उसके पिता तथा भाई से संबंधों को उजागर किया था। श्री गौतम का आरोप है कि पुलिस ने उसके भाई से सांठगांठ कर एकतरफा जांच कर मेरे प्रतिष्ठान एवं मेरी छवि को धूमिल करने हेतु झूठी एवं निराधार कायमी की है।
मैं जल्द ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर मामले की सीआईडी जांच की मांग करूंगा। यह कहना गलत है कि मेरी पूर्व पत्नि द्वारा छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने के बाद रघुनंंदन दु:खी रहने लगे थे और किसी से नहीं मिलते थे।
जबकि सच्चाई यह है कि एक दैनिक समाचार पत्र के अनुसार वह रोज अपने साथियों के साथ चौपड़ खेलने जाया करते थे और मृत्यु बाले दिन भी चौपड़ खेलने ही जा रहे थे। इसके बाद भी पुलिस ने उनके विरूद्ध झूटी कायमी की है।