जल संकट के प्रति उद्योग मंत्री ने जताई चिंता, दिए दिशा निर्देश

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शिवपुरी। ग्रीष्म ऋतु में शहर में पेयजल की गंभीर दस्तक को भांपते हुए स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने आज अधिकारियों और पार्षदों की बैठक में उन्हें समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने नपा और प्रशासन के अधिकारियों को हिदायत दी कि वह प्रत्येक दिन किस वार्ड में टेंकरों के जरिये पेयजल परिवहन करेंगे, इसकी जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से जनता को दें। वहीं पार्षदों से अपेक्षा की कि वह अपने वार्ड के प्रभावित इलाकों की जानकारी मु य नगर पालिका अधिकारी को दें। उन्होंने पार्षदों से अनुरोध किया कि वह पानी का स मान और उसकी पूजा करें तथा उसका अपव्यय न होने पाए, यह ध्यान रखना उनका प्रमुख दायित्व है। पेयजल सप्लाई में यशोधरा राजे सिंधिया ने पब्लिक पार्लियामेंट के संयोजक और जल आंदोलन चलाने वाले समाजसेवी मधुसूदन चौबे और उनकी टीम से भी सहयोग देने की अपील की और कहा कि वह यह भी ध्यान रखें कि पेयजल का अपव्यय नहीं होने पाए। उन्होंने नपा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वह पार्षदों के लिए हेल्पलाइन चालू करें ताकि पार्षद अपने वार्ड की पेयजल समस्या से नपा प्रशासन को अवगत करा सके। 

सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी चिंता पानी है ताकि शिवपुरी की जनता को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े। सिंध जलावर्धन योजना पूर्ण हो उसके पूर्व हमें शिवपुरी में जनता को पानी कैसे मिले इसके विषय में गंभीरता से विचार करना होगा। मार्च से लेकर जुलाई तक गर्मी के मौसम में पेयजल व्यवस्था यदि हमने ठीक ढंग से नहीं बनाई तो गंभीर समस्या पैदा हो सकती है और इसके लिए हमें अभी से कार्य योजना बनाकर और समन्वय के साथ कार्य करना होगा। यशोधरा राजे ने कहा कि उनकी ओर से आठ टेंकर नगर पालिका को और दिए जा रहे हैं तथा कितने और टेंकरों की आवश्यकता होगी इसके विषय में मुझे अवगत कराएं। सीएमओ ने बताया कि 22 वार्डों में टेेंकरों से पेयजल परिवहन हो रहा है और इनमें से 19 वार्डों में कॉन्ट्रेक्ट से टेंकर लगाए गए हैं। यशोधरा राजे ने कहा कि नपा को सबसे पहले उनकी जो पाइप लाइन है उसका उपयोग करना चाहिए, क्योंकि छोटे टेंकरों से पेयजल का अपव्यय अधिक होता है। इस पर सीएमओ रणवीर कुमार ने उन्हें आश्वस्त किया कि 15 मार्च तक वह नपा की सभी पाइप लाइनों का उपयोग कर उनके जरिये पेयजल सप्लाई करेंगे। बैठक में नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, विधायक प्रहलाद भारती, पुलिस अधीक्षक मो. युसुफ कुर्रेशी, अतिरिक्त कलेक्टर नीतू माथुर, एसडीएम रूपेश उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री पीएचई श्री जैन, नपा जल प्रभारी केएम गुप्ता, सिंचाई विभाग के अधिकारी और पार्षदगण भी उपस्थित थे। 

मौजूदा संसाधनों से पेयजल की पूर्ति कराने में सहयोग करें 
बैठक में यशोधरा राजे सिंधिया ने मौजूद पार्षदों से आदर्श पार्षद बनने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह पेयजल सप्लाई हेतु नगर पालिका अधिकारियों से समन्वय बनाएं और उन पर अनावश्यक दवाब न डालें। वह यह भी देखें कि उनके क्षेत्र में पेयजल का अपव्यय तो नहीं हो रहा है। उन्हें पानी की पूजा करना चाहिए, क्योंकि सिंध जलावर्धन योजना आने में अभी विल ब है और मौजूदा संसाधनों का सदुपयोग कर ही हम जल संकट से जनता को बचा सकते हैं। 
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पॉलीथिन पर बैन के लिए जनमत बनाएं
बैठक में यशोधरा राजे सिंधिया ने अधिकारियों, पार्षदों और पत्रकारों से संयुक्त अपील की कि वह पॉलीथिन पर बैन के लिए जनमत बनाएं और जनता को अवगत कराएं कि पॉलीथिन का उपयोग किस तरह से पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। पॉलीथिन के स्थान पर जूट, कागज, कपड़े आदि के थैलों के वैकल्पिक उपयोग पर भी विचार किया जाए। शिवपुरी को पॉलीथिन मुक्त बनाकर हम एक अच्छी और सुंदर पहल कर शहर को व्यवस्थित कर सकते हैं। 

किसानों की चिंता भी सता रही उद्योग मंत्री को 
बैठक में यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया ने सिंचाई अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में ओर और महुअर नदियां हैं, लेकिन इनका पानी उनके विधानसभा क्षेत्र के कृषकों को न मिलकर अन्य क्षेत्र के कृषकों को मिल रहा है। यहां तक कि उनके क्षेत्र के किसानों को सिंचाई हेतु इन नदियों से कोई केनाल भी नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में सनघटा बांध के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों का रूख सकारात्मक न होने से समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सनघटा बांध बनने से खोड़ सेक्टर के 80 गांव लाभान्वित होंगे।  

डीपीआर तैयार कर कराऐं नालों की सफाई 
यशोधरा राजे सिंधिया ने बैठक में मु य नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिए कि वह नालों की सफाई के लिए डीपीआर बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि डीपीआर में स्पष्ट रूप से यह दर्शाया जाना चाहिए कि किस नाले की अधिक सफाई किसकी मध्यम और किसकी सामान्य सफाई की जानी है। उन्होंने कहा कि 2005 में उनके कार्यकाल में जब नालों की सफाई हुई थी तब वह काफी ठीक थी, लेकिन इसके बाद तो नालों की सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति हुई है जो कि इस बार नहीं होना चाहिए। यशोधरा राजे ने कहा कि वह डीपीआर बनने के बाद नालों की सफाई के लिए बजट आबंटित कराएंगी और यह सफाई वर्षा ऋतु के पहले सुनिश्चित रूप से हो जाना चाहिए।
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