ठग की जादूगरी: ठग कहता गया वह करते गए पूर्व कमाडेंट

0
शिवपुरी। देहात थाना क्षेत्र में एक पूर्व कंमाडेंट पर ठग ने अपनी ठग विद्या की जादूगरी दिखाते हुए 60 हजार का चूना लगा दिया। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात ठग के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। 

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आईटीबीपी में कमाण्डेंट के पद पर पदस्थ रहे हरवंश गुप्ता बीती शाम आईटीबीपी कै पस में स्थित चिकित्सालय से दवा लेकर अपने घर गोविन्द नगर जा रहे थे। उसी समय रास्ते में उन्हें एक युवक मिला जिसने अपनी मीठी बातों से फरियादी हरवंश गुप्ता को प्रभावित कर दिया। 

उक्त युवक ने श्री गुप्ता से कहा कि वह कोटा राजस्थान का रहने वाला है और सोने चांदी की दुकान करता है। पिछले वर्ष उसे अपने धंधे में काफी मुनाफा हांसिल हुआ और उसका यह नियम है कि हर साल मुनाफे की रकम से वह कुछ प्रतिशत राशि का दान अवश्य करता है। 

इस बार उसकी इच्छा शिवपुरी में स्थित मंदिरों में दान करने की है। कृपया आप मुझे उन मंदिरों की सूची और जानकारी दीजिये जहां मैं दान कर सकता हूं। युवक की बातें सुनकर श्री गुप्ता उससे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे खेड़ापति हनुमान मंदिर, बांकड़े हनुमान मंदिर, माधव चौक चौराहे पर स्थित हनुमान मंदिर, बालाजी धाम सहित कई हनुमान मंदिरों की जानकारी दी। वहीं उन्होंने ठग से कहा कि वह पशु चिकित्सालय में हनुमान मंदिर पर भी दान कर सकते हैं। 

जो पास में ही है। ठग ने तुरंत ही श्री गुप्ता को पशु चिकित्सालय हनुमान मंदिर में चलने के लिए कहा और दोनों मंदिर के अंदर पहुंचे। 

इस तरह से ठग ने लगाया फरियादी को चूना
पशु चिकित्सालय हनुमान मंदिर में ठग ने पूर्ण भक्ति भाव से हनुमान जी के दर्शन किये और अपनी जेब से पांच-पांच सौ रूपए के चार नोट निकाले। इसके बाद उसने उन नोटों को जैसे ही दान पेटी में डालना शुरू किया वैसे ही उसने फरियादी से कहा कि आज मेरे पास कोई स्वर्ण आभूषण नहीं है। 

मैं चाहता था कि स्वर्ण आभूषणों को स्पर्श कर मैं रूपए भगवान को अर्पित करूं। चूंकि आप सोने की अंगूठी और चैन पहने हुए हैं।  क्या आप अंगूठी और चैन को निकाल कर नोटो से स्वर्ण को स्पर्श करने देंगे। 

इस पर फरियादी ने सहमति व्यक्त की और पल भर में ही अंगूठी और चैन निकाल कर ठग को सौंप दिये। ठग ने नोट और स्वर्ण आभूषण  एक पॉलीथिन की थैली में रख दिये और उक्त थैली को बड़ी चालाकी से बदल कर फरियादी को दे दिया। 

इसके बाद ठग ने फरियादी से कहा कि मैं बाजार से अगरबत्ती लेकर आता हूं तब तक आप थैली अपने पास रखिये लेकिन काफी समय के बाद जब ठग नहीं आया और फरियादी गुप्ता ने जब थैली खोली तो उसमें न तो रूपए थे और न ही स्वर्ण आभूषण। 

पांच दिन बाद उजागर हुआ ठगी का मामला
आईटीबीपी के पूर्व कमाण्डेंट हरवंश गुप्ता के साथ ठगी की बारदात 21 मार्च को शाम 5 बजे घटित हुई लेकिन श्री गुप्ता के परिजनों को इसकी जानकारी 26 मार्च को हुई। 

ठगे जाने के बाद श्री गुप्ता ने यह सोच कर चुप्पी साध ली कि यदि किसी को उन्होंने अपने साथ हुई ठगी की जानकारी दी तो लोग उन्हें ही मूर्ख कहेंगे। इसलिए अच्छा यही है कि किसी से कुछ न कहा जाए और न ही पुलिस में रिपोर्ट में लिखाई जाए। 

परन्तु 26 मार्च को जब उनके परिजनों ने  उनकी अंगूठी और चैन गायब देखी तो उन्होंने श्री गुप्ता से पूछा कि कहा है आपकी चैन और अंगूठी। काफी समय तक तो श्री गुप्ता सवाल का जवाब देने से बचने का प्रयास करते रहे। लेकिन अंतत: उन्होंने उगल दिया कि वह ठगी के शिकार हो गए हैं। 

Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!