नपा की सुपरफास्ट कार्यवाही: नोटिस देकर 1 घंटे में तोड दिया निजी निर्माण

शिवपुरी। नगर परिषद नरवर के वार्ड क्र. 03 में स्थित राजकुमारी पत्नि महावीर प्रसाद जैन की स्वामित्व की भूमि जिसका सर्वे क्रमांक  1720, 1721/2, 1722/1, 1722/2 को लेकर मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। 

इतना ही नहीं नरवर के नपा अध्यक्ष मनोज माहेश्वरी की मनमानी के चलते लाखों रूपए की राशि से किये गए निर्माण कार्यो को नपा कर्मचारियों ने चंद मिनटों में जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया है। श्रीमती जैन ने आरोप लगाया गया है कि जब नगर परिषद का दल मेरे निजी भूमि पर चल रहे निर्माण कार्य स्थल पर पहुंचे तब उनके साथ नपा का जि मेदार अफसर कोई ाी मौजूद नहीं था। 

इतना ही नहीं  मुझे कोई इस निर्माण के संबंध में नपा द्वारा कोई नोटिस जारी किया गया। बगैर नोटिस जारी किये मेरी निजी जमीन की बाउण्ड्री को जेसीबी के माध्यम से ध्वस्त कर दिया गया। 

जब इस संबंध तहसीलदार महेन्द्र कथूरिया से चर्चा की गई तो उन्होंने भी निजी जमीन के निर्माण को न तोडऩे की बात नपा कर्मचारियों से कहीं गई लेकिन उनके द्वारा उनकी बात को भी अनसुना कर दिया गया है। 

नोटिस चश्पा कर एक घंटे में तोड़ दी बाउण्ड्री
प्रार्थी राजकुमारी जैन ने बताया कि नगर परिषद द्वारा मुझको नोटिस नहीं दिया गया और  लेकिन मुझे नोटिस देने के लिए नपा का कोई भी कर्मचारी नहीं आया और मैं अपने पूरे परिवार के साथ एक कार्यक्रम हम बाहर गए थे।

तभी हम अपने घर लौटकर आये तो हमारे मकान पर नोटिस चस्पा मिला जिस पर दिनांक 26 मार्च 2016 अंकित था इसके एक घंटे बाद ही अतिक्रमण विरोधी दस्ता हमारी निजी जमीन पर निर्माण कार्य को तोडऩे ही लगा।

 जबकि नियमानुसार नपा को निजी जमीन पर तोडऩे का कोई अधिकार ही नहीं है और नोटिस चश्पा के 24 घंटे बाद ही कोई कार्यवाही की जाती हैं। यह पूरी कार्यवाही राजनैतिक द्ववेष भावना के चलते की गई है। 

निजी जमीन पर नपा से ली थी निर्माण की परमीशन 
फरियादी राजकुमारी जैन द्वारा अपनी निजी जमीन पर बाउण्ड्री कराने की परमीशन पिछले वर्ष नगर परिषद के नियमों का पालन करते हुए विधिवत रूप से परिषद माध्यम से ली गई थी। फिर भी नपा सभी नियमों को दरकिनार करते हुए और राजनीति से प्रेरित होकर नपा अध्यक्ष महेश्वरी के इशारे पर मेरी निजी जमीन की बाउण्ड्री को अतिक्रमण बता कर तोड़ दिया गया। 

इनका कहना है
फरियादी शुभम जैन से नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा निर्माण कार्य के एवज में पांच लाख रूपए मांग रहे हैं वहीं मेरे द्वारा उन्हें दो लाख रूपए दिये थे लेकिन उनके द्वारा तीन लाख रूपए नहीं दिये तो मेरी निजी बाउण्ड्री को अतिक्रमण बता कर तोड़ दिया गया।
शु ाम जैन