
ज्योतिचार्यो के अनुसार इस बार मिश्रित तिथि होने से लोगो में भ्रम बना हुआ है कि होली दहन 22 को किया जाए या 23 को। परन्तु इन दोनो तिथिंयो में शहर के ज्योतिचार्यो ने यह निष्कर्ष निकाला है कि 22 मार्च मंगलवार की रात 1 बजे से 4 बजे तक इन दोनो तिथियों में सबसे शुभ मर्हुत है होलिका दहन का।
इस कारण है आज का मुर्हुत सर्वोत्तम
ज्योतिषाचार्य पं. विकासदीप शर्मा ने शिवुपरी सामचार को बताया कि आज की तिथि को पूर्णिमा है आज होलिका दहन होगा रात को भद्रा पूर्वी व्यापिनी होने के कारण रात की 1 बजे से 4 बजे से होलिका दहन शुभ माना गया है। क्यो कि होली पूर्णिमा को जलायी जाई है और प्रतिपदा को होली खेली जाती है।
कल 23 मार्च को दुलेन्टि मानि गयी है ये सभी शास्त्रो में निर्णय सिन्दु आदि में कई पंचाग कर्ताओ दुवारा वर्णन किया गया है कई पंचाग कर्ताओ ने होलिका दहन कब होगा ऐसा वर्णन अपने पचांगो किया है।
ेकई पंचाग कलेक्डंरो मेे तिथि भ्रम हुआ है इस कारण इस बार होलीका दहन में आम लोगो को भ्रम हो रहा है। होली का दहन कब होना चाहिये कब नही होना चाहिये स्पस्ट वर्णन करना चाहिये था। लेकिन इन सभी के बीच आज रात को 1 बजे से रात 4 बजे तक होलिका दहन का सर्वोउत्तम मुर्हत है।
देव गुरू वृहस्पति राहु के साथ इस कारण है भ्रम
इस बार मंगल शनि का योग होने से और गुरु राहु योग चांडाल युति होने से होली शुभ महूरत में लोग नही जला पाएंगे। क्योंकि शास्त्र अनुसार होली बुराई का अंत माना है।
लेकिन ग्रहो की चाल के अनुसार गलत महूरत में होलिका दहन होने से देश में भूकंप हड़ताल और अग्निकांड से जुड़े मुद्दे सामने आते है। इसी के साथ झगड़ा विवाद हानि रेल दुर्घटना और एक्सिडेंट इन घटनाओ का दौर इस वर्ष अधिक देखने को मिलेगा।
गृह बल ओस समय अधिक प्रभावी है। क्योंकि देव गुरु वृहस्पति राहु के साथ होने से ज्ञान में भ्रम पैदा करेंगे। इस कारण ही होलिका दहन में तिथि भ्रम देश को हो रहा है।