
पीडि़ता ने सांसद सिंधिया के समक्ष वन थाना गोपालपुर में पदस्थ गार्ड पर तेन्दुआ की हत्या करने का आरोप लगाया और अपने पति को वेगुनाह बताया।
आरोपी गणेश मोगिया के खेत पर एक तेन्दुआ मृत अवस्था में पड़ा हुआ मिला था। जिस आधार पर वन विभाग द्वारा गणेशा मोगिया को तेन्दुआ की हत्या करने मामले में गिर तार कर लिया गया था। जबकि गांव के कई लोगों ने एक पंचनामा तैयार कर उसे वेगुनाह बताया था।
लेकिन वन अधिकारियों ने बिना जांच किये ही उसे आरोपी बनाकर जेल पहुंचा दिया था। वन विभाग की इस कार्यवाही को लेकर उसकी पत्नि अजुद्दी बाई ने आज वॉ बे कोठी पहुंचकर आज एक शिकायती आवेदन सौंपा है। जिसमें उल्लेख किया है कि वन अधिकारी रेंज सतनवाड़ा ने बिना जांच किये ही उसके पति को गिर तार कर लिया है।
वहीं आवेदन में यह भी तर्क दिया है कि पीडि़ता के घर में कोई बंदूक भी नहीं है जबकि तेन्दुआ का शिकार बंदूक से किया गया था। जिस समय यह घटना घटित हुई उस समय खोजी कुत्ते को भी वहां लाया गया था।
जो गांव के कई घरों तक गया, इसके बाबजूद वन अधिकारियों ने मात्र उसके खेत में तेन्दुआ मृत अवस्था मिलने के कारण उसके पति को आरोपी बना दिया। जबकि वन अधिकारियों को उसके खेत में न तो खून मिला था और न ही वहां खड़ी फसल को कोई नुकसान हुआ था।
इसी स्थिति में वन विभाग द्वारा उसके पति को झूठा फंसाया गया है। पीडि़ता ने आरोप लगाया है कि वन थाने में पदस्थ गार्ड पहले तेन्दुआ को उनके खेत में फैंक गया बाद में अपने अधिकारियों को तेन्दुआ का शिकार होने की सूचना दी थी।