सरदार आग्रें की जमीन को कागजो में हेराफैरी कर बैंक में रखी गिरवी

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शिवपुरी। भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. सरदार संभाजीराव आंग्रे और उनके परिजनों के स्वामित्व की तहसील कोलारस टप्प रन्नौद में स्थित लगभग 100 बीघा जमीन (20 हेक्टर) की हेराफेरी करने के आरोपी राजीव लोचन सिंह पुत्र दीवान माधव सिंह ठाकुर निवासी सुनाज हाल निवासी दतिया के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468, और 471 के तहत मामला कोतवाली शिवपुरी में दर्ज किया गया है। 

इस मामले में जांच कोलारस टीआई अवनीत शर्मा ने की। आरोपी राजीव लोचन सिंह पर आरोप है कि उसने उक्त जमीन को सन् 99 में सरदार आंग्रे सहित उनके आठ परिजनों को सीलिंग से मुक्त बताकर विक्रय की थी। जबकि उक्त जमीन सीलिंग में आ रही थी। इस कारण उसका नामांतरण नहीं हुआ। 

इसी का फायदा उठाकर आरोपी राजीव लोचन सिंह ने उक्त जमीन को पंजाब नेशनल बैंक शाखा शिवपुरी में बंधक रखकर 9 लाख रूपए का लोन प्राप्त कर लिया। जब उक्त जमीन को राजस्व बोर्ड ने सीलिंग से मुक्त घोषित किया और उक्त जमीन का नामांतरण खरीददारों के नाम पर हुआ तब जाकर इस मामले का पर्दाफाश हुआ। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी राजीव लोचन सिंह की ग्राम सुनाज में 100 बीघा जमीन थी। जमीन के सर्वे न बर 6,2,31,33, 34, 20, 16, 21, 19, 14, 15, 4, 5, 7 और 3 थे। उक्त जमीन को सरदार संभाजीराव आंग्रे, उनकी सुपुत्री श्रीमती चित्रलेखा आंग्रे और उनके परिजन आराधना, तुलजा भवानी, कात्यानी, सरदार आंग्रे की धर्म पत्नि राजराजेश्वरी आंग्रे, संभवी देवी और हेमलता आंग्रे ने सन् 99 में 25 लाख रूपए में क्रय की। 

फरियादी चित्रलेखा आंग्रे का कहना है कि उक्त जमीन को आरोपी ने सीलिंग से मुक्त बताया था। जबकि उक्त जमीन सीलिंग में आ रहीं थी। इस तथ्य को स्पष्ट न कर आरोपी ने उक्त जमीन का विक्रय नामा उनके नाम करा दिया। चूंकि उक्त जमीन का प्रकरण न्यायालय में चल रहा था और वह सीलिंग में आ रहीं थी। इस कारण उक्त जमीन का नामांतरण क्रेताओं के नाम नहीं हो सका तथा सरकारी कागजातों में उक्त जमीन आरोपी राजीव लोचन सिंह के नाम ही रही। 

इसी का फायदा उठाकर आरोपी राजीव लोचन सिंह ने उक्त जमीन को 18 फरवरी 2014 को पंजाब नेशनल बैंक में 9 लाख रूपए में बंधक रख दिया और उस पर लोन भी प्राप्त कर लिया। इसी बीच आंग्रे परिवार ने उक्त जमीन को सीलिंग से मुक्त कराने के लिए लड़ाई लड़ी और ल बी लड़ाई के बाद राजस्व बोर्ड ने उक्त जमीन को सीलिंग से मुक्त कर दिया। 

यह निर्णय हो जाने के पश्चात आंग्रे परिवार ने जमीन के नामांतरण के लिए टप्पा रन्नौद में आवेदन लगाया और जमीन स्व. संभाजीराव  आंग्रे के निधन हो जाने के पश्चात उनकी पत्नि श्रीमती राजराजेश्वरी आंग्रे, श्रीमती चित्र लेखा आंग्रे, आराधना, संभवी देवी, तुलजा भवानी, कात्यानी, हेमलता आंग्रे के नाम सरकारी कागजातों में दर्ज हो गई। 

जब आंग्रे परिवार ने जमीन के कागजात तहसील से प्राप्त किये तो उन्हें पता चला कि उक्त जमीन पंजाब नेशनल बैंक में बंधक रखी हुई है। यह देखकर वह आश्चर्य चकित हो उठे और इसके पश्चात श्रीमती चित्र लेखा आंग्रे ने पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को आवेदन देकर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने की मांग की। 

इस पर पुलिस अधीक्षक ने कोलारस थाना प्रभारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिये और जांच में स्पष्ट हुआ कि आरोपी राजीव लोचन सिंह ने फरियादी पक्ष के साथ धोखाधड़ी की है। वर्तमान में उक्त जमीन की कीमत लगभग दो करोड़ रूपए बताई जा रही है। 
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