उपभोक्ता फोरम का फैसला: कंपनी दे ऑख के ऑपरेशन के खर्चे की संपूर्ण राशि

शिवपुरी। उपभोक्ता फोरम शिवपुरी ने अपने एक निर्णय में दि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमि. को सेवा में कमी का दोषी पाते हुए आदेश दिया कि कंपनी अपने उपभोक्ता को उसके आंख के ऑपरेशन में व्यय की गई संपूर्ण राशि 43350 रूपए का भुगतान करे। 

उसने 24 हजार रूपए की राशि का भुगतान कर सेवा में कमी की है। अब वह दो माह की अवधि में आवेदक रामकृष्ण पुत्र बसंतलाल गोयल निवासी रामउद्योग एबी रोड़ शिवपुरी को शेष 19 हजार 350 रूपए की राशि अदा करे। 

दो माह की अवधि में इस राशि के भुगतान में चूक होने पर कंपनी को 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण व्याज भी देना होगा। इसके अलावा दि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी आवेदक को प्रकरण व्यय के रूप में दो हजार रूपए की राशि भी दो माह में अदा करे। इस मामले में आवेदक रामकृष्ण की ओर से अभिभाषक संजीव बिलगैंया ने पैरवी की। 

आवेदक रामकृष्ण मित्तल ने वर्ष 2003 से लगातार दि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी से एक मेडीक्लेम पॉलिसी प्राप्त की जो वर्ष 2013 में दिनांक 8 दिस बर 2013 से 7 दिस बर 2014 की अवधि तक प्रभावी रही है। पॉलिसी के तहत आवेदक रामकृष्ण, उसकी पत्नि श्रीमती ऊषा गोयल, पुत्री कु. पूर्वा गोयल एवं पुत्र अनमोल गोयल के दो-दो लाख रूपए तक के बीमित दायित्व तय किये गए थे।

जिसका प्रीमियम 13 हजार 801 रूपए आवेदक द्वारा जमा कराये गए थे। दिनांक 5 सित बर 2014 को आवेदक की आंख का ऑपरेशन वॉसन आई केयर हॉस्पीटल गुडगांव में कराया गया। जिसमें कुल 43 हजार 351 रूपए खर्च हुए। जिसका क्लेम आवेदक ने बीमा कंपनी को दिया। परन्तु बीमा कंपनी ने दुर्भावना पूर्वक आंशिक रूप से क्लेम स्वीकार कर 24 हजार रूपए की राशि ने ट के माध्यम से दिनांक 8 अक्टूबर 2014 को आवेदक के बैंक खाते में जमा करा दिये गए। 

राशि जमा होने की सूचना कंपनी की प्रतिनिधि संस्था हैरिटेज हेल्थ टीपीए लिमि. के पत्र द्वारा आवेदक को 29 नव बर 2014 को मिली। आवेदक का कहना है कि इस तरह से बीमा कंपनी द्वारा संपूर्ण क्लेम का भुगतान न कर अनुचित व्यापार प्रथा व सेवा में कमी की गई है।