शिवपुरी। शिवपुरी सब्जी मंडी में इन दिनों टमाटर की बंफर आवक हो रही है। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेक्टर हजारों केरेट टमाटरों के साथ मंडी में आ रहे हैं लेकिन आज टमाटर बेचने आये किसानों ने आड़तियों के कथित व्यवहार से परेशान होकर एबी रोड़ पर जाम लगा दिया।
जिससे दोनों ओर कई-कई किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लग गई। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे जिनसे किसानों ने अपनी व्यथा का बखान किया। उनका कहना था कि आड़तिये कम दर पर उनका माल खरीद रहे हैं वहीं उनसे आड़त भी बसूल कर रहे हैं।
जबकि प्रशासन ने आड़त लेना निषिद्ध कर दिया हैं। बाद में मंडी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह भी मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने किसानों के साथ खड़े होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई तथा आड़तियों पर किसानों के शोषण का आरोप लगाया।
आज सुबह जब ट्रेक्टरों में टमाटर भरकर कृषक सब्जी मंडी पहुंचे तो वह यह देखकर हैरान रह गए कि आड़तियों ने एक स्वर में टमाटर प्रति कैरेट 250 से 300 रूपए का भाव निर्धारित किया। कृषकों का कहना है कि कल उनके माल की खरीद 462 रूपए प्रति कैरेट की गई।
अच्छे टमाटर का भाव जहां 300 रूपए कैरेट बताया जा रहा था वहीं हल्के किस्म के माल की खरीद 150 से 250 रूपए कैरेट किया जाना तय किया गया था। इसके अलावा पांच रूपए प्रति सैकड़ा आड़त भी लगाई गई थी। किसानों का कहना है कि जब कल 462 रूपए प्रति कैरेट खरीदी गई थी तो आज अचानक 162 रूपए प्रति कैरेट भाव कैसे कम हो गए।
आड़तिये प्रति कैरेट 100 से 150 रूपए बट्टा भी काट रहे थे। जिसे भी किसानों ने नाजायज बताया। इसके अलावा 5 रूपए प्रति सैकड़ा आड़त भी किसानों को अदा करना थी। शोषण का आरोप लगाते हुए कृषकों ने सामूहिक रूप से अपनी आवाज बुलंद की लेकिन वहां उनके पक्ष में तथा उन्हें सुनने के लिए कृषि उपज मंडी का कोई अधिकारी नहीं आया।
इसके बाद किसानों ने आड़तियों और व्यापारियों से गुहार की लेकिन उन्होंने भी पुरानी दर पर खरीद करने से इन्कार कर दिया और कहा कि आड़त भी कटेगी और बट्टा भी देना पड़ेगा। फिर कृषकों ने परेशान होकर एबी रोड़ पर अपने टे्रक्टर लगा दिये और जोरशोर से नारेबाजी की जाने लगी।
जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस के अधिकारी दल बल सहित घटना स्थल पर पहुंच गए और उन्होंने कृषकों को समझाया कि जाम लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। उल्टे उन पर ही प्रकरण कायम होंगे। तहसीलदार ने कहा कि वह व्यापारियों के साथ बातचीत कर इसका कोई हल निकालें।
अंत में यह तय हुआ कि एसडीएम नीतू माथुर की उपस्थिति में कृषकों और आड़तियों तथा व्यापारियों के बीच बात चीत होकर रेट का निर्धारण किया जाए। इसके बाद कृषकों ने जाम हटाया।