बच्चे देश का भविष्य है उनके साथ अच्छा व्यवहार करें: एसपी

शिवपुरी। बच्चे देश का भविष्य हैं और उनके साथ अच्छा व्यवहार अच्छे भारत की गांरटी है, पुलिस अधीक्षक युसुफ कुरैशी ने उक्त उदगार महिला सशक्तिकरण विभाग शिवपुरी एवं यूनिसेफ भोपाल द्वारा आयोजित बाल कल्याण अधिकारियों के क्षमता वृद्धि कार्यक्रम में व्यक्त की।  

महिला सशक्तिकरण विभाग शिवपुरी एवं यूनिसेफ भोपाल म.प्र. के संयुक्त तत्वाधान में शिवपुरी के 27 थानों में पदस्थ बाल कल्याण अधिकारियों का बाल संरक्षण, किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2000 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 विषय पर क्षमता वृद्धि तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्थानीय हैप्पीनेश होटल के सभागार में किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माननीय अतिथिगण द्वारा माल्यार्पण कर प्रारंभ किया गया , कार्यशाला में जिले में पदस्थ बाल कल्याण अधिकारियों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी ओ.पी पाण्डेय एवं विषय विशेषज्ञ श्री दीपक तरेरिया जी और राज्य सलाहकार यूनीसेफ  गुरजीत रावत उपस्थित थे। 

प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में गुरूजीत ने बाल अधिकार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी उन्होंने बताया कि 1989 से संयुक्त राष्ट्र संघ ने बाल अधिकार समझौता तैयार किया जिस पर 1992 में भारत ने अपने हस्ताक्षर किए।

बच्चों के अधिकारों के संरक्षण का दायित्व राज्य का दायित्व है, प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से वर्ष 2012 से 2014 तक मध्य प्रदेश में बच्चों के प्रति हो रहे अपराध के संवंध में बताया बच्चों के प्रति घटित हो रहे अपराध में प्रदेश की स्थिति चिंताजनक हैं। 

वर्ष 2014 में 15026 प्रकरण बच्चों के साथ अपराध के दर्ज किये गये है। इसी प्रकार गुम हुये बच्चों के आंकड़े यथा 2004 से 2013 में कुल 36733 बालक एवं 42254 बालिकाएं गुम है, बालिकाओं की गुमशुदगी चिन्ता का विषय हैं बालिकाओं की गुमशुदगी मानव तस्करी की ओर इंगित करती है। 

कार्यक्रम का उद्देश्य बाल कल्याण अधिकारियों को बालकों के प्रति हो रहे अपराधों को राकने हेतु संवेदनशील बनाना है, बच्चों के हितो को संरक्षित करना है।

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ श्री दीपक तरेरिया अहमदाबाद द्वारा बाल कल्याण अधिकारियों  को बाल मनोविज्ञान से परिचित कराया एवं बाल अपराध रोकने के कारगर गुर सिखाये। 

कार्यशाला को संवाधित करते हुये जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी ओ.पी. पाण्डेय ने किशोर न्याय, बालकों की देखरेख संरखण अधिनियम 2000 के प्रावधानों पर विशेष प्रकाश डाला है।