शिवपुरी। आज किसानो और व्यापारीओ के बीच टमाटर की रेटो को लेकर विवाद हो गया। और गुस्साए किसानो ने चक्काजाम कर दिया। इस पूरे विवाद में एक बात चौकाने वाली निकाल कर आई कि व्यापारियों ने अपने लाभ के लिए ऐसे नियमो को बना रखा जो शोषण की पाराकाष्ठा को भी पार करता है।
जानकारी के अनुसार व्यापारी जिस भी भाव में माल खरीद रहे है वह भाव भी किसानों को नहीं मिल रहा है। मंडी में टमाटर बेचने आये किसानों ने बताया कि कल से आज तक भाव में व्यापारियों ने काफी कमी कर दी है। 300 रूपए कैरेट में टमाटर खरीदा जा रहा है, लेकिन उसमें से भी 150 रूपए प्रति कैरेट बट्टा लिया जा रहा है।
इससे प्रति कैरेट 150 रूपए का भाव रह जाता है। इसके बाद पांच प्रतिशत आड़त बसूल की जा रही है। जो कि प्रति कैरेट साढ़े सात रूपए होती है। 20 रूपए प्रति कैरेट कृषकों को किराया देना पड़ रहा है।
ट्रेक्टर का किराया और डीजल आदि खर्चों को जोड़ दिया जाए तो कृषकों को 100 रूपए प्रति कैरेट से अधिक भुगतान नहीं मिल रहा है। समझा जा सकता है कि मंडी शिवपुरी में किस तरह से टमाटर की खेती करने वाले किसानों का शोषण हो रहा हैं।