सिंध जलावर्धन योजना: प्यासे कंठ और रीते घड़ों का भविष्य कल कैबिनेट में

शिवपुरी। शिवपुरी में सिंध का पानी लाने के लिए सिंध जलावर्धन योजना का भविष्य कल भोपाल में होने जा रही कैबिनेट बैठक में होगा। कैबिनेट में दोशियान कंपनी को भुगतान का मामला रखा जाएगा।

बताया जाता है कि इस हेतु नगर पालिका से परिषद द्वारा दोशियान कंपनी द्वारा आठ करोड़ रूपए भुगतान किये जाने के पारित प्रस्ताव की प्रति भोपाल मंगाई गई हैं। वहीं प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले द्वारा दोशियान कंपनी को भुगतान हेतु राज्य शासन को योजना समिति के माध्यम से भेजे गए पत्र की प्रति भी आहुत की गई है।

ऐसा समझा जा रहा है कि यदि दोशियान कंपनी को भुगतान किये जाने का मामला कैबिनेट बैठक में पारित हो जाता है तो सिंध जलावर्धन योजना का काम पुन: शुरू हो जाएगा।

सिंध जलावर्धन योजना में एक ओर जहां तकनीकी कारणों से अडंगे लगे हैं वहीं दोशियान कंपनी की खस्ता आर्थिक हालत भी इसके लिए जि मेदार हैं। दोशियान कंपनी ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए नगर पालिका को पत्र लिखा था कि उसके पास जलावर्धन योजना के कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु आर्थिक व्यवस्था नहीं है।

अत: उसके लिए बैंक गारंटी के अगेंस्ट आठ करोड़ रूपए की राशि का अग्रिम भुगतान किया जाएगा। वहीं दोशियान कंपनी ने बड़ी हुई दर के हिसाब से 6 करोड़ रूपए की राशि अतिरिक्त रूप से मांगी थी।

इन दोनों मामलों में शासन निर्देशों के अभाव में अभी तक कोई फैंसला नहीं हुआ था। जिससे दोशियान कंपनी कार्य को लटकाये हुए थे। दोशियान कंपनी को दवाब में लेने के लिए नगर पालिका ने पुन: टेंडर भी निकाल दिये थे। लेकिन उक्त टेंडर को विफल करने के लिए दोशियान कंपनी ने देखने-दिखाने के लिए शहर में पाईप लाईन डालने का कार्य शुरू कर दिया था।

जिसे बाद में बंद कर दिया गया था। दोशियान कंपनी के महा प्रबंधक का कहना था कि भुगतान के अभाव में वह कार्य शुरू नहीं कर सकते। इस कारण सभी की नजरें उस कैबिनेट बैठक पर केन्द्रित  हो गई थी।

जिसमें दोशियान कंपनी को भुगतान के मामले का निर्धारण होना है। सूत्र बताते हैं कि कंपनी द्वारा मांगी गई दो राशियों में से यदि एक को भी देने का कैबिनेट फैंसला करती हैं तो सिंध जलावर्धन योजना का काम पूर्ण गतिशीलता से शुरू हो जाएगा।