नोटिस पर कितने चढे: रातो-रात तो प्रकट नही हुआ होगा बीआर टावर

ललित मुदगल@एक्सरे/शिवपुरी। पिछले 24 घंटे की अतिक्रमण के मामले की सबसे बड़ी खबर बीआर टावर की रही। नपा की अपील समिति ने यह सिंद्व कर दिया कि सीएमओ को जुर्माना लगाना नही आता है यह है गणित जुर्माने का। अवैध अतिक्रमणकारी को जुर्माना और इस भवन के अवैध निर्माण में सहयोग करने वाले नपा कर्मचारी और अधिकारीयों को क्या सजा.......क्यो कि रातो-रात तो प्रकट नही हुआ होगा बीआर टावर

बीआर टावर के मालिक महेन्द्र गोयल ने बीच चौराहे पर 77 बाई 55 में तलघर खोदकर तीन मंजिला एक शानदार भवन का निर्माण करा लिया। इस इस अवैध निर्माण के लिए इस भवन के मालिक को 4 सितंबर 2011 का पहला नोटिस इस अवैध निर्माण को लेकर जारी किया गया था।

और अंतिम नोटिस 7 जनवरी 2015  को जारी किया गया था। बताया गया है कि इन नपा से जारी इन नोटिसो का महेन्द्र गोयल ने कोई जबाब नही दिया। और अत: मिडिया के दबाब के चलते महेन्द्र गोयल पर सीएमओ ने इस निेर्माण को अवैध मानते हुए साढे सात करोड का जुर्माना अरोपित कर दिया गया।

महेन्द्र गोयल इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे हाईकोर्ट ने यह मामला वापस नपा की अपील समिति को भेज दिया और नपा के अपील समिति ने कल इस मामले में फैसला सुनाते हुए इस जुर्माने को आधा करते हुए पौने चार करोड का कर दिया अब इस मामले में महेन्द्र गोयल कलेक्टर शिवपुरी को अपील करेंगें।

लेकिन इस पूरे मामले में यह बात किसी ने नही कि जब बीच चौराहे पर बीआर टावर का अवैध तलघर की खुदाई जेबीसी बडे शान से कर रही थी तो क्या पूरी-पूरी नपा छुट्टी पर थी। एक नही तीन मंजिला ईमारत तान दी गई नपा को पता नही चला कि बीच चौराहे पर अवैध अतिक्रमण हो रहा है।

सन 2011 में पहला नोटिस जारी किया गया उसके बाद सन 2015 में जुर्माना आरोपित किया गया इस 4 साल में नपा क्या सिर्फ नोटिस देकर ही भूल जाती रही......ऐसा हो नही सकता फिर क्यो सोती नही नपा। चलो अवैध अतिक्रमण करने वाले पर जुर्माना अरोपित हो गया।

परन्तु इस भवन में अवैध निर्माण में सहयोग कराने वाले नपा के कर्मचारी और अधिकारीयों को क्या सजा दी जाने चाहिए जो हर नोटिस पर चढवाते गए। और इस अवैध निर्माण की मंजिल पर मंजिल बनवाते चले गए।

तभी क्यो नही तोडा गया यह अवैध निर्माण,क्यो एक भी दिन काम नही रोका, केवल नोटिस देकर ही काम चलाते रहे। अभी न्याय अधूरा है सजा इन्है भी मिलना चाहिए जो  इतने बडे अवैध निर्माण को देखते रहे सजा इन्है भी होना चाहिए.