शिवपुरी। शिवपुरी में शिक्षा विभाग में सिंघम बनने के राह पर चल निकले डीपीसी शिरामणि दुबे के निर्णयों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। बताया जा रहा है कि कोलारस बीआरसीसी की नियुक्ति भी डीपीसी ने नियमों को खूंटी पर टांग कर की है। एक ऐसे व्यक्ति को बीआरसीसी बना दिया गया जो कुछ समय पहले तक बीएसी के योग्य भी नहीं था।
बताया जा रहा है कि डीपीसी ने संभाग-आयुक्त केके खरे द्वारा हाल ही मे साईकिल कांड में कोलारस सहित तीन विकासखंडो के बीआरसीसी को संस्पैड करने के बाद हुए पर रिक्त पर मापदंडो को दरकिनार कर कोलारस बीआरसीसी के पद पर अपने एक कृपापात्र, केपी जैन को तमाम नियमों को शिथिल कर बीआरसीसी के पद पर ताजपोशी कर दी।
जानकारी मिल रही है कि जैन कुछ दिन पूर्व ही बीएसी के पद से मापदंडो को पूरा न करने के चलते हटाए गए थे। ऐसे में तीन साल पूर्व बीआरसीसी पद के लिए अपनाई गइ चयन प्रक्रिया के तहत वैंटिंग मे आए पात्र नामों को दरकिनार कर डीपीसी ने जैन केा उपकृत कर कोलारस ब्लॉक का बीआरसीसी बना डाला।
जबकि पात्रता में ब्लॉक के कई प्राधानाध्यपक माध्यमिक विद्यालय एंव वरिष्ठ आध्यापक आ रहे थे ऐसे में जैन को बीआरसीसी बनाना डीपीसी के निर्णय पर सवाल खडे कर रहा है।
विभाग से जुडे सूत्रों की माने तो जैन के डीपीसी से चूल्हा चौके तक के संबंध है और यह बात विभाग में भी जाहिर है। यही कारण रहा है कि नियमों और मापदंडो की बात करने वाले दुबे ने अपनी सत्ता पकड़ के चलते तमाम नियमों को खूंटी पर टांग कर जैन को कोलारस का बीआरसीसी बना डाला।
