शिरोमणि साहब कथनी और करनी में अंतर क्यो...

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ललित मुदगल @एक्सरे/शिवपुरी। शिवपुरी में शिक्षा विभाग के सिंघम बनने राह पर चल रहे डीपीसी शिरोमणि दुबे अपने मैदानी अमले को सुधारने के लिए जंगी प्रर्दशन समाचार पत्रों में कर रहे है लेकिन पुरानी कहावत है कि घर का कचरा पहले साफ किया जाता है बहार का बाद में। 

जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में शासन के निर्देशानुसार सर्वशिक्षा अभियान में जो भी कर्मचारी कार्यरत हो वह प्रतिनियुक्ति पर होना चाहिए जिसमें तय भर्ती प्रक्रिया का पालन हो।

परन्तु पूरे शिक्षा विभाग को गंगा की तरह शुद्ध करने का वचन ले चुके डीपीसी शिरोमणि दुबे के नाक के नीचे शिवपुरी विकास खंड में आधा दर्जन जन शिक्षक नियम विरूद्ध सीएसी बने बैठे है।

बताया गया संघ से अपनी नजदिकिया बताने वाले अध्यापक दिनकर नीखरा को माध्यमिक विद्यालय भावखेडी से शिवपुरी शहर में सीएसी के पद पर पिछले ढाई साल से व्यवस्था के नाम पर अटैचमेंट कर रखा है शासन के नियमअनुसार अटैचमेंट की व्यवस्था का खत्म कर रखा है।

जानकारी यह भी यह आ रही है कि अध्यापक दिनकर नीखरा के माध्यमिक विद्यालय भावखेडी में 150 बच्चे एक शिक्षक के ही भरोसे है। इसी प्रकार सुनील उपाध्याय, राजेश जाट, सपना चौहान और दो अन्य शिक्षकों को नियम विरूद्ध शासन के नियमों को खूंटी पर टांग पर सीएसी बना दिया गया है।

सबसे बडी चौकाने वाली बात यह है कि माध्यमिक विद्यालय कन्या कोर्ट रोड में पदस्थ सहायक शिक्षक वत्सराज राठौर का अटैचमैंट व्यवस्था के नाम पर डीपीसी कार्यालय में कर दिया और इन्है छात्रवृति प्रभारी और मोबाईल मॉनिटीरिंग प्रभारी भी बनाया गया है।

बताया जाता है कि वत्सराज राठौर को डीपीसी शिरोमणि दुबे ने ही वित्तीय अनिमित्ताओ के चलते निलंबित किया था परन्तु वर्तमान में वह डीपीसी शिरोमणि के दाए हाथ है। या यू कह लो वह डीपीसी के मिडिय़ा प्रभारी है। डीपीसी ऑफिस में 6 सहायक परियोजना समन्यवक मौजूद है जिन्हे यह प्रभार दिया जा सकता था परन्तु ऐसा नही कियाा गया।

देखा गया है कि  डीपीसी शिरोमणि दुबे कलेक्टर शिवुपरी के बाद ऐसे अधिकारी है जिनके पास पर्सनल पीआरओ वत्सराज राठौर के रूप मे मौजूद है, ऐसे शिक्षको की भी कमी नही है जो कथित पत्रकार बन गए है और डीपीसी की महिमा को अखबारो में प्रकाशित कराने का वेतन पा रहे हैं। 

एक और जो जहां डीपीसी शिरोमणि दुबे ने ही कई अटैचमैंट समाप्त कराए थे परन्तु उनके ऑफिस में ही शिक्षा विभाग के कर्मचारी नियम विरूद्ध अटैचमैंट कराए बैठे है। जो उनकी कथनी और करनी को उजागर करते है। 

अपनेराम का तो सिर्फ इतना कहना है कि शिरोमणि साहब, क​थनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। पूरा जिला साफ करने निकले हो, अच्छी बात है लेकिन सबसे पहले अपना दामन तो साफ कर लो। उस पर कई जहरीले दाग हैं। 
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