कचरा प्रबंधन पर कार्यशाला: घर-घर जाकर संग्रहित किया जाऐगा कचरा

शिवपुरी। शहरवासियों को कचरा प्रबंधन के बारे में एवं कचरे को दो अलग-अलग डस्टबिन में एकत्रित करने के लिए जागरूक किए जाने हेतु आज जिला कलेक्टर राजीव दुबे के मार्गदर्शन में इंडियन ग्रामीण सर्विसेस (आई.जी.एस) कंपनी द्वारा नगर पालिका परिषद शिवपुरी के पार्षदों की एक दिवसीय कार्यशाला स पन्न हुई।

जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में नगर पालिका परिषद शिवपुरी के अध्यक्ष श्री मुन्नालाल कुशवाह, उपजिलाधीश श्री रूपेश उपाध्याय, मु य नगर पालिका अधिकारी  कमलेश शर्मा, नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी जी.पी.भार्गव, आई.जी.एस. के सहायक प्रबंधक  दीपक कुमार साहू एवं पार्षदगण उपस्थित थे।

इंडियन ग्रामीण सर्विसेस कार्यशाला में प्रबंधक  गोपाल जगताप ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नगरीय क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन हेतु नागरिकों को जागरूक कर उनके घरों से निकलने वाले ठोस अपशिष्टों को सही तरीके से संग्रहण कर उसका निपटारा करना है।

उन्होंने कहा कि घरों से निकलने वाले गीला कचरा एवं सूखा कचरा को अलग-अलग डस्टविन में रखकर कचरे का सही प्रबंधन के लिए जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि पांच चरणों में चलने वाले इस कार्यक्रम में सबसे पहले प्रथम चरण में जनजागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे।

 जिसमें पार्षदगणों आदि को आई.सी.एस. दल के सदस्यों को रहवासियों को कचरे के सही जैविक एवं अजैविक प्रथकीकरण हेतु जागरूक किया जाएगा। घर-घर जाकर पूरे परिवार का सफाई एवं कचरा प्रबंधन के लाभों की जानकारी दी जाएगी।

घर-घर जाकर संग्रहित होगा कचरा
द्वितीय चरण के दौरान वाहन द्वारा घर-घर जाकर गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग डस्टविनों में एकत्रित किया जाएगा। तृतीय चरण में घर-घर से एकत्रित किए गए कचरे को गीला एवं सूखा कचरा वाहन में बने दो अलग-अलग हिस्सों में डाला जाएगा।

कचरा प्रबंधन के चौथे चरण में संग्रहित किए गए गीले कचरे का उपयोग जैविक खाद बनाने में किया जाएगा और पांचवे चरण में संग्रहित सूखा कचरे को सफाई कर्मचारियों के माध्यम से जैसे प्लास्टिक, कागज, कांच, लोहा आदि को अलग-अलग किया जाकर उसे री-सायकल यूनिट तक पहुचांया जाएगा तथा शेष बचे हुए कचरे का लेंड फिलिंग में उपयोग किया जाएगा।

 इस दौरान सर्व समिति से निर्णय लिया गया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य शहर के 10 वार्डों में लिया जाएगा। इनमें बेहतर परिणाम प्राप्त होने पर अन्य वार्डों में लिया जाएगा। कार्यशाला में बताया गया कि प्रदेश के अन्य 21 नगरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कार्य के अवलोकन पार्षद के दल को कराया जाएगा।