भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रणवीर रावत की निगम मण्डल में नियुक्ति के आसार

शिवपुरी। भाजपा की गुटीय राजनीति में केन्द्रीय श्रम मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर खेमे के माने जाने वाले पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत की किसी निगम अथवा मण्डल में नियुक्ति के आसार नजर आ रहे हैं।

मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा कर चुके हैं कि तीन चार दिन के भीतर निगम मण्डल और आयोग में नियुक्तियां कर दी जाएंगी।

श्री रावत पूर्व में भी मप्र बीज निगम के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिल चुका है। निगम मण्डलों में नियुक्ति के लिए हालांकि भाजपा के कई नेता इच्छुक हैं लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि लॉटरी रणवीर रावत की खुलना तय है। उनकी नियुक्ति के दो प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।

एक तो उनकी असंदिग्ध गुटीय निष्ठा और दूसरे जातीय समीकरण। पूर्व विधायक रणवीर सिंह रावत करैरा विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं जो कि केन्द्रीय श्रम मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र में आता है।

जिले में श्री तोमर के अनुयायियों की सं या कम नहीं है लेकिन रणवीर सिंह रावत का जलवा कुछ अलग है। हालांकि उनका विरोध जिलाध्यक्ष पद से  उन्हें हटाने के लिए यशोधरा राजे खेमे के अलावा नरेन्द्र सिंह तोमर खेमे से जुड़े पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन, जितेन्द्र जैन और ओमप्रकाश खटीक ने भी खुलकर किया लेकिन गॉड फादर नरेन्द्र सिंह के बरदहस्त के चलते उनका बाल भी बांका नहीं हुआ।

जब निगम मण्डलों में नियुक्ति के आसार बढ़े तो श्री रावत को हटाया गया लेकिन उनके स्थान पर जिन सुशील रघुवंशी की जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्ति की गई उनकी ताजपोशी रणवीर रावत की एनओसी पर ही हुई।

श्री रावत का तोमर खेमे में वर्चस्व इसलिए भी था कि क्योंकि जहां पोहरी में भाजपा विधायक होते हुए भी लोकसभा चुनाव में श्री तोमर को पराजय का सामना करना पड़ा वहीं कांग्रेस विधायक होने के बाद भी करैरा में उन्हें आरामदायक बढ़त मिली जिसका श्रेय रणवीर रावत को मिला।

 और सूत्र बताते हैं कि इसी के पारितोषिक स्वरूप उन्हें निगम मण्डल की जि मेदारी देने के बारे में गंभीरता से सोचा जा रहा है। उनके अलावा जिले के किसी भी अन्य भाजपा नेता को निगम मण्डल से जोड़ा जाएगा ऐसा अभी तो नजर नहीं आ रहा है।