6 माह बाद भी पुलिस के पास सुराग नही है इस हाईट्रेक कार चोरी का


शिवपुरी। 5 फरवरी 2015 को टोडरमल पेट्रोल पंप के पीछे स्थित अरिहंत कार पार्किंग से हाईटेक अंदाज में उड़ाई गई बॉक्स बेगन कंपनी की नई कार वेन्टो का आज तक कोई सुराग नहीं लगा है।

कंपनी का दावा था कि उनकी गाड़ी को बिना रिमोट और चाबी के कोई खोल नहीं सकता लेकिन इसके बाद भी चाबी कार मालिक रोनक कोचेटा के पास रही और चोर हाथ की सफाई दिखाते हुए कार ले उड़े।

टेक्नोलॉजी संपन्न उक्त कार की चोरी के बारे में पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा सकी है। 20 दिन पहले ही रोनक कोचेटा उक्त गाड़ी को ग्वालियर के समर्थ ऑटो मोबाइल से खरीदकर लाये थे।

चोरी की यह घटना पार्किंग के सीसीटीव्ही कैमरे में हो गई। 5 फरवरी 2015 को रात 11.46 बजे सफारी गाड़ी पार्किंग स्थल  पर आई और उसमें से कैप लगाये एक व्यक्ति बाहर निकला और दूसरा कार में ही सवार रहा।

इसके बाद कैप लगाये व्यक्ति ने पार्किंग का दरबाजा खुलवाने के लिए घंटी बजाई और चौकीदार सोनू शर्मा ने दरबाजा खोल दिया। उक्त व्यक्ति ने चौकीदार से कहा कि वह रोनक कोचेटा की कार ले जाने के लिए आया है उसे उनके रिश्तेदार को छोडऩा है।

उसके हाथ में कार की चाबी रिमोट सहित थी। पलभर में उसने रिमोट से कार का दरबाजा खोला और चाबी लगाकर स्टार्ट कर दी। चौकीदार ने रजिस्टर पर उसके नाम की एंट्री की जिसमें उसने अपना नाम संदीप सिंह लिखा।

इसके पश्चात पलभर में वह गाड़ी स्टार्ट कर वहां से रवाना हो गया। 6 फरवरी को जब रोनक कोचेटा गाड़ी निकालने के लिए पार्किंग में पहुंचे तो चौकीदार ने उन्हें बताया कि कल उनकी गाड़ी उनका नाम लेकर कोई ले गया है।

यह सुनकर रोनक कोचेटा को होश उड़ गए। लेकिन घटना की रिपोर्ट लिखाने के बाद भी पुलिस अभी तक खाली हाथ है।

कंपनी ने दोनों चाबियां दीं थी रोनक को
कार विक्रेता समर्थ ऑटो मोबाइल ने खरीददार रोनक कोचेटा को 15 जनवरी को गाड़ी की एक चाबी दी और उसके पश्चात कहा कि दूसरी चाबी उसके पास जल्द पहुंचा दी जाएगी। इसके काफी समय बाद कंपनी ने रोनक कोचेटा को दूसरी चाबी भेजी।

ऐसा क्यों किया यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। कंपनी का कहना है कि गाड़ी की चाबियां कार खरीददार को दी जाती हैं और तीसरी चाबी कंपनी के पास भी नहीं रहती। ऐसी स्थिति में सवाल यह है कि जब दोनों चाबियां रोनक कोचेटा के पास थीं तो तीसरी चाबी कहां से आई।

कार चोरी की घटना से बॉक्स बेगन कंपनी की प्रतिष्ठा को भी क्षति पहुंची है। कंपनी का दावा था कि उनकी प्रत्येक गाड़ी की दो चाबियां ही रहती हैं और दोनों चाबियां कार खरीददार के पास ही रहती हैं। ऐसे में सवाल यह है कि तीसरी चाबी कहां से आ गई।