गुर्जरों का डेयरी संचालक पितापुत्र पर हमला

शिवपुरी। शहर के देहात थाने के समीप झांसी रोड़ खेड़ापति हनुमान मंदिर पर नवीन दूध डेयरी संचालक दुर्गाप्रसाद व उनके पुत्र दीपेश राठौर के साथ गुर्जर समुदाय के कुछ लोगों ने दूध के क्रय-विक्रय को लेकर विवाद किया और विवाद के बाद मारपीट तक कर दी।

लोहे के सरिया और डण्डों के साथ दोनों पिता-पुत्र के साथ जमकर मारपीट कर कहर बरपाया और बाद में जब पीडि़त पुलिस थाना देहात पहुंचे तो यहां पुलिस ने महज मारपीट की धाराओं में 294, 323, 506, 34 ताहि के तहत मामला पंजीबद्ध कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी।

जबकि दोंनो ही पिता-पुत्र के सिर में खून की धारा बह गई और शरीर में भी मूंदी चोंटें है इसके अलावा अन्य शारीरिक चोटों से दोंनों पिता-पुत्र घायल है इस अवस्था में पुलिस की इस कार्यवाही से पीडि़तजनों में रोष व्याप्त है। मामले में उचित कार्यवाही औरमामले कीनिष्पक्षता से जांच कर आरोपी गुर्जरों के विरूद्ध धाराऐं बढ़ाए जाने को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा।

सौंपें गए ज्ञापन में पीडि़त दुर्गाप्रसाद पुत्र देवी लाल राठौर व दीपेश पुत्र दुर्गाप्रसद राठौर निवासी तुलसीनगर शिवपुरी ने बताया कि वह अपने प्रतिष्ठान नवीन दूध डेयरी खेड़ापति मंदिर के निकट संचालित करते है।

यहां डेयरी पर रामवीर गुर्जर, दीवान सिंह गुर्जर, अजब सिंह गुर्जर निवासी बुरानपुरा चौकी खोड़ ने एकराय होकर दूध लेकर आए और जबरन दूध विक्रय करने का दबाब बनाने लगे। जिस पर डेयरी संचालक दुर्गाप्रसाद व दीपेश ने साफ इंकार कर दिया।

इस इंकार की बात सुनते ही सभी गुर्जर समाज के इन लोगों ने विवाद किया और डेयरी संचालक दुर्गाप्रसाद व दीपेश राठौर के साथ लोहे के सरिया और डण्डों से जमकर मारपीट कर दी, बाद में स्थानीय लोगों और पुलिस को सूचना देने की जानकारी दी तो आरोपीगण मौके से फरार हो गए।

बाद में मारपीट के बाद जब दुर्गाप्रसाद व दीपेश राठौर थाना देहात पहुंचे तो यहां पुलिस ने इनकी रिपोर्ट पर आरोपी गुर्जरों के विरूद्ध मामूली धाराओं में 294,323,506,34 के तहत  मामला दर्ज कर लिया जबकि दोंनो घायलों के सिर में खून की धारा बह रही थी और वह लहुलुहान थे।

 बाद में पीडि़त पिता-पुत्र के साथ हुई घटना को लेकर राठौर समाज एकत्रित हुआ और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में पुलिस की कार्यवाही को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई। पीडि़तों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और किए गए हमले में घायलों को उचित मेडीकल कराया जाकर आरोपियों के विरूद्ध गंभीर जानलेवा धाराऐं बढ़ाई जाए।