शिवपुरी। शिवपुरी में चातुर्मास कर रहीं जैन साध्वी शुभंकरा श्रीजी के उपदेशों से न केवल जैन समाज, बल्कि जैनेतर समाज के लोग भी लाभ उठा रहे हैं। इसी के फलस्वरूप श्वेता बर जैन मंदिर के ब्राह्मण पुजारी पदमेश बुधोनिया की धर्म परायण पत्नी श्रीमती पूनम बूधोनिया ने नौ उपवास की कठोर तपस्या पूर्ण की।
उन्होंने पूरे नौ दिन निराहार रहकर धर्म आराधना की। इसके उपलक्ष्य में आज तपस्वी श्रीमती पूनम बूधोनिया की शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से निकली और बाद में साध्वी शुभंकरा श्रीजी, साध्वी धर्मोदया श्रीजी और साध्वी दयोदया श्रीजी की उपस्थिति में जैन समाज ने न केवल तपस्वी श्रीमती पूनम बूधोनिया का स मान किया, बल्कि उनके माता-पिता, सास-ससुर, भाई और पति को भी स मानित किया।
पूनम बूधौनिया के नौ उपवास के उपलक्ष्य में मधुर आवाज की स्वामी साध्वी धर्मोदया श्रीजी द्वारा तपस्या की अनुमोदना करते हुए भजन प्रस्तुत किया, साथ ही सुमिता कोचेटा एवं बाहर से पधारीं श्रीमती नाहर ने भी तपस्या के भजन गाये।
कोयला भी धोने से नहीं तपने से ही सफेद होता है
आज प्रवचन में तप की सार्थकता को बताते हुए शुभंकराश्रीजी म.सा. ने कहा कि कोयले को यदि वर्षों बरस धोया जाये तब भी वह काला ही रहेगा, परंतु यदि उसे आग में तपाया जाये तो वह सफेद राख में बदल जाएगा।
ऐसा ही मनुष्य जीवन के साथ है यदि व्यक्ति तप के महत्व को समझ ले तो उसके अंदर जो कालापन है वह दूर हो जाएगा।
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