शिवपुरी। नगर पालिका परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया था कि नामांतरण का अधिकार पीआईसी को होगा, लेकिन इस बार पीआईसी की बैठक में नामांतरण नहीं हुए जिससे नागरिक परेशान हैं। बताया जाता है कि लगभग दो सैकड़ा नामांतरण के प्रकरण नगर पालिका में लंबित हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह की ताजपोशी के पूर्व नामांतरण पीआईसी की बैठक में होते थे, लेकिन भाजपा पार्षदों ने परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित कर नामांतरण का अधिकार पीआईसी से हटाकर परिषद को दे दिया जिससे नागरिकों की परेशानी प्रारंभ हो गई।
नागरिकों का कहना था कि परिषद की बैठक छह-छह माह नहीं होती ऐसे में उनके नामांतरण लंबे समय तक लंबित रहेंगे और यह शिकायत जायज भी थी। नपाध्यक्ष श्री कुशवाह स्वयं परिषद को नामांतरण का अधिकार दिए जाने के खिलाफ थे, लेकिन परिषद के पारित फैसले का विरोध वह कैसे करें।
इसके बाद बताया जाता है कि परिषद की बैठक में 190 नामांतरण के प्रकरण निपटा लिए गए और यह प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया कि अब नामांतरण का अधिकार पीआईसी को होगा। इससे लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन चार दिन पहले हुई पीआईसी की बैठक में नामांतरण एजेण्डे में ही शामिल नहीं था।
ऐसा क्यों यह समझ में नहीं आया, लेकिन एक भाजपा पार्षद ने बताया कि पीआईसी को नामांतरण का अधिकार देने का ठहराव गलत ढंग से पारित कर लिया गया था जिससे भयभीत होकर पीआईसी के सदस्य नामांतरण से कन्नी काट गए।
स्ट्रीट लाइट न जलने से अंधेरे में डूबा शहर
शहर के अधिकांश वार्डों में इन दिनों स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही जिससे रात होते ही अंधेरा छा जाता है तथा असामाजिक तत्वों की पौबारह हो जाती है। जानकारी लेने पर विदित हुआ कि स्ट्रीट लाइट इसलिए नहीं जल रही, क्योंकि नपा के स्टोर में बिजली का सामान ही नहीं है। सामान लेने के टेंडर आ चुके हैं, लेकिन परिषद की बैठक न होने से इन्हें मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
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