शिवपुरी। जिला अस्पताल शिवपुरी में 16 मई 2011 से मेडीकल ऑफीसर के पद पर पदस्थ डॉ. सुनील खण्डोलिया निवासी गोहद हाल निवासी टीबी हॉस्पीटल के पीछे शिवपुरी के विरूद्ध फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर डॉक्टर बनने का मामला दर्ज किया गया है।
सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार सरनाम सिंह शर्मा के पुत्र सुनील शर्मा को मेडीकल कॉलेज में आसानी से प्रवेश इसलिए मिल गया क्योंकि उसने बाबूलाल आदिवासी का दत्तक पुत्र बनकर आदिवासी होने का सर्टिफिकेट हासिल कर लिया था।
बाबूलाल आदिवासी की शिकायत के आधार पर डॉ. सुनील और उसके पिता सरनाम सिंह के विरूद्ध थाठीपुर थाना ग्वालियर में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिलने पर डॉ. सुनील खण्डोलिया फरार हो गया है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. गोविंद सिंह के अनुसार डॉ. सुनील दो दिन से अस्पताल नहीं आये हैं और उनके निवास पर ताला लटका हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोहद निवासी बाबूलाल आदिवासी मजदूरी का कार्य करता है उसे किसी ने जानकारी दी कि उसका गोद लिया हुआ बेटा शिवपुरी अस्पताल में डॉक्टर बनकर नौकरी कर रहा है।
जब उसने इसकी जानकारी ली तो सूचना पक्की निकली। इसके बाद बाबूलाल ने सरनाम और उनके पुत्र डॉ. सुनील के विरूद्ध थाठीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
बाबूलाल आदिवासी का कहना है कि सरनाम सिंह जब पटवारी थे तो उनके घर गोहद आना जाना था। 14 जून 1995 को सरनाम सिंह ने उसके अशिक्षित होने का फायदा उठाकर उससे कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करा लिये तथा इसे गोदनामे की शक्ल दे दी।
कागजातों में सुनील बाबूलाल आदिवासी का दत्तक पुत्र बन गया और उस आधार पर उसने फर्जी अनसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र हासिल कर मेडीकल कॉलेज में प्रवेश ले लिया। एमबीबीएस करने के बाद डॉ.सुनील की पहली पदस्थापना जिला अस्पताल शिवपुरी में मेडीकल ऑफीसर के पद पर हुई तब से वह यहां पदस्थ है।
पहले डॉ. सुनील नाई की बगिया में किराये के मकान से रहते थे बाद में उन्हें टीबी अस्पताल के पास सरकारी क्वार्टर आवंटित कर दिया गया।
Social Plugin