शिवपुरी के विकास का रथ रोक रही है भाजपा सरकार: सिंधिया

शिवपुरी। स्थानीय सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिंध जलावर्धन योजना में विल ब के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार शिवपुरी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जिसके परिणामस्वरूप उनके द्वारा स्वीकृत कराई गई सिंध जलावर्धन योजना, सीवेज प्रोजेक्ट, इंजीनियरिंग कॉलेज, एनपीटीआई, मेडिकल कॉलेज आदि सौगातें खटाई में पड़ी हुई हैं।

उनके द्वारा स्वीकृत कराए गए 490 करोड़ रूपये के जनहितकारी कार्यों को पलीता लगाया जा रहा है। पत्रकारवार्ता में सांसद सिंधिया ने प्रदेश सरकार से सिंध जलावर्धन योजना के क्रियान्वयन में हुए आठ साल के विलम्ब का प्रदेश सरकार से हिसाब-किताब खासतौर पर पूछा।

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि मार्च 2008 में तत्कालीन मंत्री जयपाल रेड्डी ने शिवपुरी नगर के लिए 60 करोड़ रूपये लागत की सिंध जलावर्धन योजना को स्वीकृति प्रदान की और इसके लिए एजेन्सी का चुनाव करने में प्रदेश सरकार को डेढ़ वर्ष लग गए तथा सित बर 2009 में दोशियान कंपनी को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाया गया।

सांसद सिंधिया ने सवाल उठाया कि इतना विलम्ब क्यों हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? पत्रकारों ने शासन पक्ष की ओर से आए जवाब की श्री सिंधिया को जानकारी देते हुए बताया कि दो बार टेंडर निकाले गए और किसी ठेकेदार ने टेंडर नहीं डाला तथा बड़ी मुश्किल से दोशियान कंपनी को पीपीपी फंड में काम करने के लिए सहमत किया गया।

इस पर श्री सिंधिया ने प्रति प्रश्र किया कि यह जवाब संतोषजनक नहीं है। यदि सरकार संवेदनशील होती तो एजेन्सी निर्मित करने के लिए विशेष टीम गठित कर सकती थी। विलम्ब के दूसरे कारण को गिनाते हुए सांसद सिंधिया ने कहा कि नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड और सुप्रीम कोर्ट से पर्यावरण स्वीकृति 27 जुलाई 2011 को मिल चुकी थी, लेकिन राज्य सरकार ने नगर पालिका को स्वीकृति देने में दो वर्ष लगा दिए।

तीसरे कारण का जिक्र करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि जिस प्रस्ताव को नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा गया था उसमें पेड़ काटने की अनुमति नहीं थी।

यह कैसे संभव था कि नेशनल पार्क क्षेत्र में 24 किमी तक पाइप लाइन डालने में एक भी पेड़ न काटा जाए। अनुमति मिलने के बाद जब दोशियान कंपनी ने पाइप लाइन डालने में 134 पेड़ काट दिए जबकि पूरी पाइप लाइन डलने में और 490 पेड़ काटे जाने थे तब पार्क प्रबंधन ने स्वीकृति की शर्तों का उल्लंघन करने पर कार्य पर रोक लगा दी। सांसद सिंधिया ने इसके लिए भी प्रदेश सरकार और तत्कालीन भाजपा शासित नगर पालिका को जिम्मेदार ठहराया।

श्री सिंधिया ने जानकारी दी कि 22 जुलाई 2014 को दोशियान कंपनी की बैंक गारंटी के विरुद्ध 6 करोड़ रूपये एडवांस में देने का प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन इस राशि को दोशियान कंपनी को नहीं दी गई जिसके कारण दोशियान कंपनी ने काम बंद कर दिया और योजना खटाई में पड़ गई।

इन तथ्यों के आधार पर श्री सिंधिया ने प्रदेश सरकार पर दोषारोपण करते हुए शिवपुरी की जनता के हितों से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

योजना के शिलान्यास में मुझे नहीं बुलाया
पत्रकारवार्ता में श्री सिंधिया ने बताया कि सिंध जलावर्धन योजना उन्होंने मंजूर तथा स्वीकृत कराई, लेकिन योजना के शिलान्यास कार्यक्रम में स्थानीय सांसद के नाते मुझे नहीं बुलाया गया। मुझे इस पर भी कोई दुख नहीं है। मैं तो राज्य सरकार को धन्यवाद दूंगा यदि वह सिंध जलावर्धन योजना को क्रियान्वित कर दे तथा इसके क्रियान्वयन में अड़ंगे न लगाएं।

आखिरकार सच्चाई की जीत हुई, लेकिन खुशी अभी नहीं मनाएंगे
पत्रकारवार्ता में श्री सिंधिया को एक पत्रकार ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छह माह के भीतर सिंध जलावर्धन योजना को पूर्ण कराने का आश्वासन दिया है वहीं शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति भी दी है।

इस पर श्री सिंधिया ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आखिरकार सच्चाई की जीत हुई है, लेकिन हम इसकी खुशी अभी नहीं मनाएंगे। मेरा ध्यान उद्घाटन पर नहीं, बल्कि काम की पूर्णता पर है।

जब सिंध का पानी घर-घर आ जाएगा, मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज बन जाएगा, एनपीटीआई का निर्माण जो जाएगा। सीवेज प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मूर्त रूप ले लेगा तब हम इसकी खुशी को जनता के साथ मिलकर मनाएंगे।