बर्तन मांजने के विवाद में कि गई हत्या के आरोपी को उम्रकैद की सजा

शिवपुरी। विशेष न्यायाधीश श्रीराम दिनकर ने हत्यारोपी चरनपुरी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है। इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक लोक अभियोजक स्वरूपनारायण भान ने की।

अभियान की कहानी के अनुसार 1 अगस्त 2013 को रामदुलारे गिरी ने छोटेलाल शाक्य नामक कारीगर को माता का बीलवरा निवासी कैलाशपुरी के यहां काम करने पहुंचाया।

8 अगस्त को जब छोटेलाल शाक्य का बेटा लक्ष्मण शाक्य माता का बीलवरा  पहुंचा तो उसने देखा कि उसका पिता छोटेलाल झूठे बर्तन साफ कर रहा था उसी समय कैलाश गिरी का छोटा भाई चरनपुरी वहां आया और उसने उसके पिता को गालियां देना शुरू कर दीं और कहा कि तूने अभी तक बर्तन नहीं साफ किये मैं तुझे बताता हूं।

उसके बाद चरनपुरी ने कुल्हाड़ी से छोटेलाल के सिर में कई वार किये जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर अवस्था में इलाज के लिए छोटेलाल को ग्वालियर भेजा गया जहां 11 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया।

पुलिस ने आरोपी चरनपुरी के खिलाफ हत्या और दलित एक्ट की धारा के तहत मामला कायम कर चालान न्यायालय में पेश किया। न्यायाधीश महोदय ने पक्ष विपक्ष की बहस सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया।