बेंहटा पंचायत में पूर्व सरपंच-सचिव ने योजनाओं में किया भ्रष्टाचार

शिवपुरी। जिले के कोलारस क्षेत्रांतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बेंहटा में पूर्व सरपंच और सचिव ने मिलकर जिस प्रकार से लाखो रूपये का भ्रष्टाचार किया है उसकी असलियत अब सामने आ रही है। ग्राम बेंहटा के ही एक युवक ने कलेक्टर की शिकायत में बेंहटा ग्राम पंचायत में केटल सेट, शमशान में शेड निर्माण,रोड़ निर्माण में लाखों रूपये का भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और अब इस मामले में जांच की मांग की है। 

मय प्रमाणों के साथ की गई शिकायत का आधार बताते हुए ग्राम पंचायत बेंहटा के इस युवक के साथ अन्य ग्रामवासी भी शामिल है जो ग्राम विकास से काफी दूर बने हुए है वहीं दूसरी ओर ग्राम में होने वाले निर्माण कार्यों के नाम पर ली गई राशि को किस प्रकार से पूर्व सरपंच-सचिव ने खर्च किया उसका ब्यौरा मांग रहे है। 

इस मामले में यदि निष्पक्षता से जांच की जाए तो एक बड़ा खुलासा सामने आ सकेगा। फिलवक्त कलेक्टर ने मामले की शिकायत को ले लिया है अब देखना होगा कि कब तक और कौन अधिकारी इस ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच करेगा।

शिकायती आवेदन में ग्राम पंचायत बेंहटा के श्रीपाल सिंह जाट ने बताया कि ग्राम बेंहटा में पूर्व सरपंच व सचिव के साथ सहायक सचिव एक ही परिवार के तीन सदस्य है जिन्होंने मिलकर सरपंच पति व सरपंच देवर को 2 केटल सेट मंजूर कराकर सरपंच पति के नाम पर 61552 व सरपंच के देवर 67000 रूपये की राशि आहरित की। 

जो कि जांच का विषय है इसके अलावा यह सभी ना तो बीपीएल सूची में आते और ना ही यह भूमिहीन है बल्कि 80 बीघा भूमि के मालिक होने के बाद भी कृषि मण्डी में खरीददारी का लायसेंस भी इनके नाम पर है ऐसे में केटल सेट की पात्रता श्रेणी में ना आते हुए भी इन्होंने केटल सेट योजना के नाम पर लाखों के बारे-न्यारे किए जो कि मय प्रमाणित दस्तावेजो में नजर आ रहे है।

 श्रीपाल सिंह जाट ने बताया कि अनियमितताओ की बात की जाए तो इस एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने मिलकर निर्माण कार्येां में भी जमकर धांधली की है। 

अधूरे पड़े है केटल सेट
शिकायत में बताया गया कि ग्राम पंचायत बेंहटा में जिन लोगों को केटल सेट आवंटित हुए है उन सभी केटल सेट का निर्माण का आज भी अधूरा पड़ा है जबकि इसके बदले में मिली पूरी राशि पूर्व सरपंच, सचिव व सहायक सचिव ने आहरित कर ली। 

यहां कुछ लोगों के तो 65 हजार से लेकर 75 हजार रूपये तक भी इन्होंने मिलकर निकाल लिए साथ ही जहां इन केटल सेटों को मंजूर कराया वहां निर्माण की एक ईट भी नहीं रखी गई। ऐसे में लाखों रूपये का यह भ्रष्टाचार इन सभी मिलकर किया है। 

सरपंच सचिव ने इंजीनियर से मिलीभगत कर डकार ली बोल्डर रोड़ निर्माण की राशि
शिकायतकर्ता की यदि मानें तो उसने यह भी बताया कि ग्राम पंचायत बेंहटा में सरपंच-सचिव ने इंजीनियर के साथ मिलकर बोल्डर रोड़ मुरम  की स्वीकृति लेकर जो रोड़ बनाई वह भी इन्होंने आपस में मिलकर बंदरबांट कर ली यह राशि करी 9 लाख रूपये आंकी गई है जिसमें इंजीनियर ने भी निर्माण कार्य की स्वीकृति बताकर उसे पूरा होना दर्शा दिया। 

इसके अलावा जो रोड़ स्वीकृत की गई थी वह ग्राम के ही भोला के खेत से बिसवीर के खेत तक नाम से करीब 4 लाख 60 हजार रूपये में बनाने के नाम पर निकाले गए और इसी प्रकार बिसवीर के खेत से रामजीलाल के खेत तक करीब 4 लाख 70 हजार रूपये भी निर्माण कार्य के लिए निकाले गए लेकिन आज भी यहां करीब यह काम 2 लाख रूपये की राशि में पूरा कर दिया गया। 

यह मामला अब जांच का विषय है और मौका मुआयना कर वस्तुस्थिति देखी जा सकती है जहां पता लग जाएगा कि सरपंच-सचिव ने मिलकर इंजीनियर के साथ निर्माण की राशि में घालमेल किया है। 

रपटा निर्माण में भी किया जमकर ा्रष्टाचार
ग्राम पंचायत बेंहटा में भ्रष्टाचारों की फेहरिस्त यही खत्म नहीं होती बल्कि यहां धर्मपुरा रोड़ पर चेक रपटा निर्माण में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया। इस रोड़ पर चैकडेम रपटा निर्माण से तीन रपटे बनाए गए जिनकी राशि 01 लाख 10 हजार रूपये बताई गई, वहीं जब इनका निर्माण कराया गया तो इसमें इतनी राशि व्यय भ नहीं हुई कि एक साथ तीन रपटे बनाए जाते इसके अलावा आज भी यह रपटा अस्त व्यस्थ पड़ा हुआ है। 

यहां आदिवासी बस्ती में शमशान घाट के लिए 2 लाख 50 हजार रूपये की राशि भी आहरित की गई लेकिन सरपंच-सचिव ने मिलकर इस शमशान घाट में महज दो चबूतरे वह भी 10 से 15 फिट के निर्माण कर पूरा शमशान घाट निर्मित होना बता दिया। यदि अनुमान लगाया जाए तो यह निर्माण महज 50 हजार रूपये की राशि में भी हो सकता था। 

कुल मिलाकर ग्राम पंचायत बेंहटा में सरपंच-सचिव और सहायक सचिव ने मिलकर भ्रष्टाचार कर सभी येाजनाओं को मटियामेट किया है। इस पूरे मामले की विस्तार से जांच होना चाहिए। शिकायतकर्ता श्रीपाल सिंह जाट ने इस संबंध में कलेक्टर को शिकायत कर उचित कार्यवाही की मांग की है।