प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के विरूद्ध हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

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शिवपुरी। शहर की समस्याओं के लिए जनहित याचिका दाखिल करने के लिए प्रसिद्ध अभिभाषक विजय तिवारी ने प्राइवेट स्कूलों की कथित मनमानी के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। उनके अनुसार माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ की युगल खण्डपीठ के न्यायमूर्ति श्री डीके पालीवाल एवं न्यायमूर्ति यूसी माहेश्वरी ने उनकी जनहित याचिका स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने निर्णय पारित कर दिया है।

और अधिकारियों को इस बावत नोटिस जारी कर निर्देश दिये हैं। इस संबंध में 45 दिवस का समय उच्च न्यायालय द्वारा प्रदान किया गया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार अभिभाषक विजय तिवारी ने जनहित याचिका में तर्क दिया कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से प्रतिवर्ष अप्रत्याक्षित फीस वृद्धि की जा रही है और निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतु एनसीईआरटी एवं मप्र पाठ्यपुस्तक निगम की प्रकाशित पुस्तकें कोर्स में नहीं चलाई जा रहीं तथा अन्य अव्यवस्थाओं का आलम है। 

उक्त जनहित याचिका क्रमांक 2660/2015 पीआईएल में दिनांक 6 मई 2015 को निर्णय पारित कर दिया गया है। उक्त निर्णय के अनुसार उच्च न्यायालय द्वारा प्रमुख सचिव स्कूली शिक्षा विभाग मप्र शासन, सचिव सीबीएसई एवं आयुक्त शिक्षा विभाग को निर्देशित किया या है कि वे सीबीएसई स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें एवं एमपी बोर्ड स्कूलों में मप्र पाठ्यपुस्तक निगम की किताबों से पढ़ाई करायें। इस संबंध में 45 दिन का समय उच्च न्यायालय ने स्कूलों को दिया है। 

अभिभाषक श्री तिवारी के अनुसार इस निर्णय को अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। इससे जहां एक ओर छात्रों पर किताबों का बोझ कम होगा, वहीं दूसरी ओर पालकों को भी महंगी किताबें खरीदने से मुक्ति मिलेगी और उनका आर्थिक बोझ कम होगा।

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