पढ़िए मीडिया से गायब हो गई बलात्कारी भाजपा नेता की करतूत

एक्सरे@ललित मुदगल/शिवपुरी। पिछले दिनो एक महिला ने मंगलम् संस्था की कार्यप्रणाली पर और भाजपा नेता पर बलात्कार के आरोप कलेक्ट्रेट में मीडिया के सामने लगाए, निराश्रित भवन में रहने वाली महिलाओ के आश्रय के बदले में क्या लिया जाता है यह भी सामने आया है। यह खबर शिवपुरी में जनचर्चा में है लेकिन न्यूज पेपरों से गायब है। शिवपुरी समाचार डाट कॉम इस न्यूज की हत्या नही होने देगा पाढिए इस मामले का एक्सरे...

झलकुई ग्राम निवासी रामप्यारी आदिवासी ने शिवपुरी कलेक्ट्रेट में मीडिया के समझ कहा कि उसका पति आए दिन शराब के नशे में उसे पीटता था और गालियां देता था। जिससे तंग आकर महिला ने स्वयं को आग से जलाने का प्रयास भी किया। आखिरकार पति की प्रताडऩा से तंग आकर महिला ने ससुराल छोड़ दिया और मायके में रहने लगी।

अपने साथ पति की प्रताडऩा के लिए न्याय की गुहार लेकर वह कलेक्ट्रेट आई। तो यहां उसे महिला बाल विकास के अधिकारी पाण्डे मिले और उन्होंने रामप्यारी को मंगलम् संस्था के निराश्रित भवन में रखवा दिया।

रामप्यारी आदिवासी ने मीडिया से कहा कि वह बीते 4 माह से मंगलम् में रहती थी जहां बीते कुछ दिनों से उसे कई प्रकार की प्रताडऩाएं दी जाती रही, महिला रामप्यारी ने आरोप लगाया कि यह सब तो वह सहन भी कर रही थी क्योंकि वह घर से अकेली आकर यहां रह रही थी इसलिए जब यहां उसके साथ एक भाजपा नेता के द्वारा मेरा बलात्कार किया तो वह सहन नहीं कर पाई और वहां से भागकर अपनी जान बचाई।

मीडिया के समझ महिला ने दिए बयान में कहा कि उक्त नेता ने मेरे बच्चे भी गायब करवा दिए है। मेरे को बच्चो को मिलाने के बहाने दोबारा मंगलम् बुलबाया गया। में बच्चो से मिलने निराश्रित भवन पहुंची तो मेरे साथ पुन: बलात्कार किया गया और मुझे एक गाडी में बैठाने की कोशिश की गई और मेरे को बेचने का प्रयास किया गया में किसी तरह से उनके चुगंल से छुट कर कलेक्टर साहब से न्याय की गुहार लगाने आई हुं।

कुल मिलाकर एक आदिवासी महिला कलेक्ट्रेट की चौखट पर मंगलम् संस्था द्वारा संचालित निराश्रित भवन में निराश्रितों के साथ क्या होता है उसका एक काला अध्याय लेकर खडी थी मीडिया भी किसी काम से वहां गई थी कवरेज भी किया परन्तु खबर का अपहरण हो गया। खबर महत्वपूर्ण थी समाज सेवा ने नाम पर संचालित संस्था के निराश्रित भवन में बलात्कार होना एक गंभीर मामला था।

दूसरा बलात्कार भी उसी संस्था के एक पदाधिकारी जो भाजपा के नेता है उस पर आरोप है। महिला न्याय की उम्मीद में घंटो कलेक्ट्रेट की चौखट पर खडी रही परन्तु मामला दर्ज दूर की की जांच के आदेश भी नही किए गए। शायद ये पहली बार होगा की खबर पूरे शहर में जनचर्चा में रही और चैनलो और न्यूज पेपरो से गायब रही है। अब देखना यह है कि इस मामले में प्रशासन क्या करता है।