शिवपुरी। एक ओर तो पर्यावरण को बचाए रखने के लिए ना-नाप्रकार के प्रयास किए जा रहे है कहीं वृक्षारोपण होता है तो कहीं ट्री-गार्ड बनाकर उसकी सुरक्षा की जाती है। लेकिन इन सभी प्रयासों को शहर से 10 किमी दूर स्थित ग्राम हातौद में ठेंगा दिखाया जा रहा है जहां सरेआम रोड़ किनारे खड़े वर्षों पुराने हरे-भरे वृक्षों को काटा जा रहा है।
क्या ऐसे ही पर्यावरण बचेगा? जब इस तरह से हरे पेड़ों को काटा जाएगा, बताया जाता है कि बीती 10 अप्रैल को जब हातौद रोड़ पर खड़ा बरगद का विशालकाय पेड़ कट रहा है तो यहां के ग्राम रक्षा समिति हातौद के नगर कैप्टन हरिशंकर धाकड़ ने आपत्ति जताई और वन विभाग को सूचित भी किया लेकिन कुछ दिन ठहरने के बाद फिर से यहां पेड़ काटा जाने लगा।
बताया जाता है कि यह पेड़ जगदीश सिंह सरकार के खेत की सीमा से लगा हुआ है इसलिए वह स्वयं सामने खड़े होकर पेड़ की कटाई करा रहे है। जब ग्रामवासियों ने इसका विरोध किया तब भी वह नहीं माने और अब पेड़ को ठेके पर देकर उसे कटवाया जा रहा है।
इस मामले में जिला प्रशासन व वन विभाग को भी ग्रामवासियों ने सूचना देकर उचित कार्यवाही की मांग की है। ग्रामवासियों का मानना है कि रोड़ किनारे खड़ा यह बरगद का पेड़ विशालकाय और छायादार है अक्सर लोग ग्राम हातौद को जाते है तो इस पेड़ की छांव में ठहरकर शुद्ध वायु लेते है लेकिन अब यह पेड़ कटने से लेागों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ेगी वहीं पर्यावरण भी संरक्षित नहीं हो सकेगा ।
ऐसे में इस पूरे मामले की जांच की जाना चाहिए यदि पेड़ शासकीय अथवा निजी भूमि में भी हो तब भी पेड़ को नहीं काटा जाना चाहिए क्योंकि यह धरोहर अनमोल है इसे बचाए रखने के लिए हर किसी को आगे आने की आवश्यकता है।
ग्रामवासियों ने यह गुहार अब वन विभाग व जिला प्रशासन से लगाई है ताकि इस पेड़ को कटने से रोका जा सके हालांकि पेड़ का कुछ हिस्सा काट भी दिया गया है लेकिन अभी भी पेड़ अपनी जड़ों व टहनियों से ललयित होकर खड़ा होकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे रहा है।